सांपों से भी बचाते हैं अब दोनों श्वान साल भर के हो गए हैं। देशी नस्ल के यह श्वान नाटे कद के हैं। लेकिन तेज तर्रार इतने कि सीमा चौकी क्षेत्र में किसी जानवर के घुसने पर उसे बाहर निकाल कर ही दम लेते हैं। इन दिनों इनका ठिकाना हिन्दुमलकोट का पुराना स्टेशन है जहां स्टेशन के पुराने भवन के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है। वहां तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने बताया कि दोनों श्वान रात-भर इधर-उधर घूमते हुए पहरेदारी करते हैं। कई बार तो इन्होंने रात के समय जहरीले सांपों तक का मुकाबला कर जवानों को सचेत किया है। घूमते हुए यह तारबंदी तक भी चले जाते हैं। लेकिन उसे पार करने की बजाय वापस आ जाते हैं।