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जयपुर

लाइन लाइन लॉक डाउन,178 कुलियों से रेलवे ने किया किनारा

फांकाकशी पर मजबूर उत्तर पश्चिम रेलवे के कुलीरेलवे की ओर से कुलियो को मिलती है सिर्फ रेलवे पास और मेडिकल सुविधा लॉक डाउन में रेलवे ने नहीं किए मदद के इंतजाम

जयपुरApr 08, 2020 / 10:14 am

anand yadav

railway station

Indian railway

जयपुर। कोरोना संक्रमण के चलते लॉक डाउन लागू होने के बाद देश की लाइफ लाइन रेलवे में यात्री ट्रेनों के पहिए थमे हुए हैं। आगे भी कब से ट्रेनेां का संचालन शुरू होगा फिलहाल इस पर असमंजस बना हुआ है। दूसरी तरफ रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों का लगेज ढोकर रोजाना रोजी रोटी कमा रहे उत्तर पश्चिम रेलवे के 178 कुलियों का साथ रेलवे ने छोड़ दिया है। जोन के कुलियों के सामने रोजाना पेट भरने का संकट मंडराया हुआ है जबकि रेलवे के अवैतनिक कर्मचारी होने के बावजूद रेलवे प्रशासन ने कुलियों को किसी तरह की कोई मदद पहुंचाने के इंतजाम अब तक नहीं किए हैं।
जानकारी के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में जयपुर मंडल में 178 कुली मंडल के विभिन्न रेलवे स्टेशनो पर यात्रियों का सामान ढोकर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। बीते 23 मार्च से देशभर में यात्री ट्रेनों का संचालन बंद होने के बाद से जयपुर मंडल के सभी कुलियों के सामने रोजीरोजी का संकट खड़ा हो गया है।
रेलवे कुलियों के अनुसार रेलवे प्रशासन की ओर से कुलियों को रेलवे अस्पतालों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा रेलवे प्रशासन सालाना दो पीटीओ पास उपलब्ध कराता है जिसमें कुलियों से रेल किराए की 25 फीसदी राशि रेलवे वसूलता है। इसके अलावा रेलवे की ओर से कुलियों को पांच महीने का आॅल इंडिया फ्री रेलवे पास भी मिलता है। इसके अलावा कुलियों के सामान ढोने की दरें रेलवे प्रशासन तय करता है।
बीते दो सप्ताह से यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद होने पर आस पास गांवों में रहने वाले कुली तो अपने गांव लौट गए लेकिन जयपुर रह रहे कुलियों के सामने अब अपने परिवार का पेट पालने के भी लाले पड़ गए हैं। रेलवे प्रशासन ने भी कुलियों को किसी भी तरह की कोई मदद उपलब्ध नहीं कराई है।

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