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जयपुर

राजस्थान की धरा से हिंदुस्तान ने फिर रचा इतिहास, IAF में शामिल हुए स्वदेश निर्मित ‘लड़ाकू’ हेलीकॉप्टर

Induction of Light Combat Helicopters LCH in Jodhpur by Rajnath Singh राजस्थान की धरा से हिंदुस्तान ने फिर रचा इतिहास, सेना में शामिल हुए स्वदेश निर्मित ‘लड़ाकू’ हेलीकॉप्टर
 

जयपुरOct 03, 2022 / 01:02 pm

Nakul Devarshi

Induction of Light Combat Helicopters LCH in Jodhpur by Rajnath Singh

जयपुर/ जोधपुर।

राजस्थान की धरती से हिंदुस्तान ने फिर एक नया इतिहास रच दिया गया है। इंडियन एयर फोर्स के जोधपुर बेस में हुए एक कार्यक्रम के साथ ही वायुसेना के बेड़े में औपचारिक रूप देश में बना लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर (LCH) शामिल हो गया है। इस हाईटेक और कई खूबियों से लैस हेलीकॉप्टर के शामिल होने से एयरफोर्स की ताकत में और इजाफा हो गया है। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित वायु सेना के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी रही।


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कई बड़ी बातें कही। उनमें प्रमुख बातों पर नज़र डालें तो उन्होंने कहा,

– आज भारतीय वायु सेना में देश की प्रथम स्वदेशी LCH का आगमन हो रहा है। प्रचंड शक्ति, प्रचंड वेग और प्रचंड प्रहार की क्षमता वाले इस LCH का आगमन हमारी वायु सेना की क्षमताओं में बढ़ोतरी के साथ-साथ रक्षा उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर भी एक बड़ा कदम है।

– आज LCH का आगमन इस बात का प्रतीक है कि देश जितना भरोसा भारतीय वायु सेना पर करता है, भारतीय वायु सेना भी उतना ही भरोसा स्वदेशी साजो-सामान पर करता है।

– इस मल्टी-रोल लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर के आगमन के बाद भारतीय वायु सेना की भूमिका और अधिक प्रभावी रूप में हमारे सामने होगी। IAF ने न केवल राष्ट्र की सुरक्षा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि स्वदेशी रक्षा उत्पादन को भी पूरा सहयोग किया है।

– हालिया यूक्रेनी संघर्ष हो या इसके पहले के भी अनेक संघर्ष हो, हमें सीख देते हैं कि भारी हथियार प्रणाली और प्लेटफार्म जो युद्ध क्षेत्र में तेज गति से मूवमेंट नहीं कर पाते हैं,उनकी क्षमता भी कम होती है, और कई बार वे दुश्मनों के लिए आसानी से लक्ष्य बन जाते हैं।

– इस मल्टी-रोल लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर के आगमन के बाद भारतीय वायु सेना की भूमिका और अधिक प्रभावी रूप में हमारे सामने होगी। IAF ने न केवल राष्ट्र की सुरक्षा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि स्वदेशी रक्षा उत्पादन को भी पूरा सहयोग किया है।

– आजादी से लेकर अब तक भारत की संप्रभुता को सुरक्षित रखने में भारतीय वायु सेना की बड़ी शानदार भूमिका रही है।आंतरिक खतरे हों या बाहरी युद्ध हो, भारतीय वायु सेना ने सदैव अपने अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती प्रदान की है।

 

https://twitter.com/rajnathsingh/status/1576826216887488513?ref_src=twsrc%5Etfw
बेड़े में शामिल हो रहे 15 एलसीएच

करीब 3885 करोड़ रुपए की लागत से बने 15 एलसीएच इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में शामिल हो रहे हैं। तीन एलसीएच बेंगलुरु से जोधपुर पहुंच चुके हैं। बाकी 7 हेलिकॉप्टर भी अगले कुछ दिन में यहां पहुंच जाएंगे। इस स्क्वाड्रन के लिए एयरफोर्स के 15 पायलट्स को ट्रेनिंग दी गई है। सियाचिन से लेकर रेगिस्तानी इलाके तक के माहौल में इसे परखा गया। इसके बाद इसकी पहली स्क्वाड्रन राजस्थान को मिली है।
https://twitter.com/rajnathsingh/status/1576813498197192705?ref_src=twsrc%5Etfw

जानें क्या हैं- लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर की खासियतें-

पश्चिमी मोर्चे को सुरक्षित बनाने के लिए हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से तैयार किया गया लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर का ये पहला स्वदेशी हेलिकॉप्टर स्क्वाड्रन (एलसीएच) है, जो जोधपुर में तैनात किया गया है। इसकी कई खासियतें हैं, जिनमें प्रमुख हैं-


– ये हवा से सतह और हवा से हवा में मार करने में सक्षम है
– ये न्यूनतम -50 डिग्री से लेकर अधिकतम 50 डिग्री के तापमान में काम कर सकता है
– ये 180 डिग्री यानी पूरी तरह से हवा में स्थिर रह सकता है
– 360 डिग्री कोण पर पलटते हुए आक्रमण करने में पारंगत है
– दुश्मन को चकमा देने के लिए ख़ास फीचर्स हैं,
– ये आसानी से दुश्मन की रडार की पकड़ में नहीं आएगा
– 51.10 फीट लंबा 15.5 फीट ऊंचा, दो लोग बैठ सकते हैं
– साजो सामान के साथ इसका वजन 5,800 किलोग्राम
– लग सकते हैं 700 किलोग्राम के हथियार
– अधिकतम गति 268 किलोमीटर प्रति घंटा, रेंज 550 किमी है, 3 घंटे 10 मिनट की उड़ान भरने की क्षमता

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