बरसात के मौसम में लोगों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में थोड़ी सी तबीयत खराब होने पर दूसरी बीमारियों के होने का डर भी लगा रहता है। इस मौसम में बच्चों को काफी परेशानी होती है। यही करण है कि बारिश के मौसम में खास तौर से पनपने वाले संक्रमण कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों के लिए जानलेवा बन सकते हैं। इनवेसिव फंगल संक्रमण भी इनमें से एक है। ऐसे मरीज जिन्हे अनियंत्रित मधुमेह, कैंसर, सर्जरी और अंग प्रत्यारोपण कराने वाले मरीज शामिल हैं। संक्रमण का खतरा अक्सर तब सामने आते हैं जब मरीज अपनी किसी बीमारी का उपचार करा रहा होता है और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
अस्पताल में साफ-सफाई का होना बहुत जरूरी
मरीज को दिखाने के लिए आने वाले परिजन आते हैं चपेट में
डॉक्टर देते हैं सलाह… अनावश्यक रूप से परिजनों को ना लाएं अस्पताल
इस मौसम में कई लोगों की हो जाती है रोग-प्रतिरोध क्षमता कमजोर
इनवेसिव फंगल संक्रमण को माना ज्यादा खतरनाक
इन दिनों मौसम ने अपना मिजाज बदलना शुरू कर दिया है। पिछले कुछ दिनों तक लगातार पड़ी भीषण गर्मी के बाद बारिश होने से यूं तो लोगों को गर्मी से जरूर राहत मिली है पर डॉक्टरों के अनुसार बरसात के मौसम में संक्रमण फैलने का खतरा भी काफी अधिक रहता है, ऐसे में अगर बरसात के मौसम को लेकर शहर में अस्पतालों की तैयारियों के बारे में बात की जाए तो अधिकतर सरकारी अस्पतालों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञ इस बात को मानते हैं कि इस मौसम में अस्पतालों के अंदर शत प्रतिशत असंक्रमित वातावरण बनाना लगभग असंभव होता है। ज्यादातर मामलों में मरीज में पहले से ही सुप्त अवस्था में संक्रमण मौजूद होता है।
इन लक्षणों का रखे ध्यान -:
जागरुकता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीज और उनके परिवार के सदस्यों को बुखार, सिर दर्द और विशेषकर आंखों में सूजन जैसे लक्षणों को लेकर सतर्क रहना चाहिए। मगर कई बार यह इनवेसिव फंगल संक्रमण का सिग्नल भी हो सकते हैं। ऐसे में इनके बारे में तुरंत डॉक्टर को बताया जाना चाहिए।