शब्दों की लिखावट का गवाह बना कैलीग्राफी फेस्ट
जयपुर। जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम में पांच दिवसीय इंटरनेशनल आर्ट एंड कैलीग्राफी फेस्टिवल की शुरुआत हुई। जिसमें देश-विदेश के नामवर कलाकारों ने कैलीग्राफी आर्ट की खूबसूरती को दर्शाया।
calligraphy art festival in jkk
जयपुर। जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम में पांच दिवसीय इंटरनेशनल आर्ट एंड कैलीग्राफी फेस्टिवल की शुरुआत हुई। जिसमें देश-विदेश के नामवर कलाकारों ने कैलीग्राफी आर्ट की खूबसूरती को दर्शाया। फेस्टिवल की ओपनिंग सेरेमनी अंधेरे के कारण फीकी पड़ गई। जिसके चलते कुछ देर के लिए कलाकारों के साथ-साथ फेस्टिवल के मुख्ख्य अतिथि और दर्शक भी परेशान दिखे। हालांकि उनकी यह परेशानी कैलीग्राफी आर्ट देखने के बाद काफूर हो गई। फेस्टिवल में इंडिया, ईरान, इजिप्ट, कुवैत, यूके, बांग्लादेश, फ्रांस, ट््यूनिशिया, तुर्की, अफगानिस्तान, रशिया, सउदी अरब, सीरिया, ओमान, बहरीन, जार्डन, उज्बेकिस्तान आदि देशों के कलाकारों ने अपनी कलात्मक लिखावट से फेस्टिवल को रोशन कर दिया। फेस्टिवल का उद्घाटन कला, साहित्य, संस्कृति व पर्यटन विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुलदीप रांका और वरिष्ठ मिनिएचर आर्टिस्ट पद्मश्री सैय्यद शाकिर अली ने मिलकर किया। इस मौके पर कुलदीप रांका और सैय्यद शाकिर अली ने कलाकारों की कला को सराहा और आयोजकों को बेहतर प्रयास के लिए मुबारकबाद दी। दर्शकों ने जानी कैलीग्राफी की महत्ता दिल्ली के नामवर वुड कार्विंग कलाकार इरशाद फारूखी ने कहा कि जिस प्रकार उर्दू भाषा में दूसरी भाषाओं से बहुत से शब्द घुल मिलकर एक हो गए हैं, उसी प्रकार यह फेस्टिवल सभी मजहब के लोगों को मिल जुलकर भाईचारे का पैगाम देता है। इस मौके पर इरशाद फारूखी ने उर्दू सुलेख के इतिहास और वर्तमान में कैलीग्राफी की महत्ता पर रोशनी भी डाली। इसके अलावा टोंक और जयपुर के कई कैलीग्राफ्र्स ने उर्दू सुलेख के प्रति दर्शकों को प्रेरित किया।
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