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जयपुर

Internet Shutdown : Jammu Kashmir के बाद Rajasthan में सबसे ज्यादा बंद रहा Internet

इंटरनेट कर्फ्यू में राजस्थान देश में दूसरे नम्बर पर

जयपुरJan 11, 2020 / 10:00 am

Bhavnesh Gupta

Internet Shutdown :  Jammu  Kashmir के बाद Rajasthan में सबसे ज्यादा बंद रहा Internet

Internet Shutdown : Jammu Kashmir के बाद Rajasthan में सबसे ज्यादा बंद रहा Internet

भवनेश गुप्ता / जयपुर। जम्मू कश्मीर (Jammu & Kashmit) में इंटरनेट (Internet) पाबंदी से गरमाई सियायत और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बीच राजस्थान (Rajasthan) भी इंटरनेट शटडाउन मामले में सवालों के घेरे में है। देश में जम्मू-कश्मीर के बाद राजस्थान ऐसा राज्य है, जहां पिछले पांच साल में 68 बार मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई। इसमें भी पिछले तीन साल में ही 61 बार इंटरनेट सुविधा बंद कर दी गई। यह आंकड़ा भी इंटरनेट बंद करने के दिन का है। इसमें कब तक इंटरनेट प्रभावित रहा, ऐसे दिनों की संख्या तो और भी ज्यादा है। देश में पिछले छह साल में 367 बार ऐसा हुआ। इसमें अकेले जम्मू कश्मीर में 180 बार इंटरनेट बंद हे चुका है। इंटरनेट बंद करने को लेकर जारी एक रिपोर्ट में यह सामने आया है। गंभीर यह है कि हर वर्ष इस आंकड़े के ग्राफ में औसतन 40 फीसदी बढ़ोत्तरी हो रही है। हालांकि, इसमें स्थानीय प्रशासन की भूमिका मुख्य है। क्योंकि, उपद्रव की आशंका, प्रतियोगी परीक्षा व अन्य कारणों से इंटरनेट सेवा बंद की जाती रही है।
विषय विशेषज्ञों के मुताबिक जरूरत के बिना ही इंटरनेट शटडाउन करने का ट्रेंड बना दिया गया है, जिस कारण ऐसे हालात पनपे हैं। दूरसंचार विभाग को भी इसकी जानकारी है। जबकि, मोबाइल इंटरनेट के जरिए कई सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन लाखों लोगों की नियमित दिनचर्या प्रभावित हो रही है। कई काम ठप हो गए हैं, जिससे लोग व व्यापारी दोनों परेशाान हैं। जयपुर में नागरिकता संशोधन काानून के खिलाफ हुई रैली के चलते 22 दिसम्बर को ही इंटरनेट शटडाउन रहा। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आज के दौर इंटरनेट लोगों के मौलिक अधिकारों में शामिल हो गया है। ऐसे में बेवजह इंटरनेट बंद नहीं किया जा सकता है।
संभागीय आयुक्त ने की समीक्षा
संभागीय आयुक्त के.सी. वर्मा ने दो दिन पहले ही इंटरनेट शटडाउन को लेकर समीक्षा की है। इसमें सभी मोबाइल आॅपरेटर और पुलिस प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए। इसमें मोबाइल आॅपरेटरों ने साफ कहा कि बेहद जरूरी होने पर ही इंटरनेट बंद किया जाए, क्योंकि मौजूदा दौर में इंटरनेट बेहद जरूरी है। साथ ही इसके बंद होने से आॅपरेटरों को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
देश में इस तरह तेजी से बढ़ा ग्राफ…
वर्ष————इंटरनेट बंद संख्या
2012———— 3
2013———— 5
2014———— 6
2015———— 14
2016———— 31
2017———— 79
2018———— 134
2018———— 134
2019———— 106
2020———— 3 (अब तक)

इन पर पड़ रहा असर
-सोशल साइट्स के माध्यम से दुनियाभर से जुड़े रहने वाले लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी।
-डेबिट-क्रेडिट कार्ड भुगतान प्रक्रिया, ई-वॉलेट ट्रांजेक्शन, मूवी टिकट बुकिंग, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, ऑनलाइन टैक्सी सर्विस, ऑनलाइन।
होम डिलवरी, ऑनलाइन फूड ऑर्डर, पानी-बिजली आदि के बिल जमा, ऑनलाइन शॉपिंग, होटल बुकिंग, फ्लाइट बुकिंग, रेल यात्रा बुकिंग, कॉर्ड स्वाइप मशीन,ऑनलाइन मॉन्यूमेंट बुकिंग,मनी ट्रांसफर व अन्य।
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