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जयपुर

जिन्हें दी टिकट बेचने की जिम्मेदारी,वही करने लगे आइपीएल का टिकट ब्लैक

एसएमएस स्टेडियम के बाहर लगी टिकट विंडो से कर्मचारियों ने एक हजार की टिकट बेची तीन हजार रूपए में

जयपुरApr 30, 2018 / 12:21 pm

HIMANSHU SHARMA

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जयपुर

जयपुर में हो रहे आइपीएल मैचों में जिम्मेदार ही टिकट ब्लैक करने का खेल रहे है। मैच के दौरान जिन्हें टिकट बेचने की जिम्मेदारी दी गई है वही लोग एसएमएस स्टेडियम के बाहर लगे टिकट विंडो से टिकट ब्लैक कर रहे है। मैच से पहले टिकट खिड़की पर बैठे कर्मचारी ही टिकट की कालाबाजारी करने में लगे है। जिसमें किक्रेटप्रेमियों को मैच देखने के लिए टिकट को दर से तीन गुणा महंगी दरों पर बेच रहे हैं। न्यूज टुडे की टीम को जब इसकी सूचना लगी तो न्यूज टुडे ने पड़ताल की ओर सच को जाना। पड़ताल के बाद सच्चाई सामने आई कि जिन टिकट बेचने का जिम्मा दिया गया है वही टिकट विंडो पर बैठ कर्मचारी ही एक हजार रूपए की दर के टिकट को तीन हजार रुपए में बेच रहे हैं।
एेसे चलता है खेल मैच से पहले टिकट ख्त्म होने का बोर्ड लगा कर टिकट विंडो दर्शकों के लिए बंद कर दिया जाता है। जिसके बाद कर्मचारी ही फोन पर ही ग्राहक से बात कर टिकट टिकट खिड़की से बाहर आकर मैच के टिकट ग्राहक को ब्लैक में बेचते है। इस मामले का पता चलने पर हमने ईस्ट गेट अर्जून की मूर्ति के पीछे स्थित स्टेडियम में टिकट विंडो पर जाकर पड़ताल की। जिसमें एक ग्राहक को साथ लेकर पहुंचे। इस ग्राहक का नाम सोनू था जो टोंक से मैच देखने आया था। ग्राहक का दावा है कि इससे पहले के मैच के टिकट भी इसने इसी तरह तीन गुणा दाम में टिकट खरीदे थे। जिस दौरान ही टिकट विंडो पर बैठे कर्मचारी रोहित यादव ने इन्हें आगे भी मैच के टिकट खरीदने के लिए अपना नंबर दे दिया। जिसके बाद मैच से पहले ग्राहक पहुंचा और रोहित को फोन कर टिकट खरीदने के लिए बात की। बातचीत के अंश
ग्राहक-भैया कहां हो

रोहित-मैं ऑफिस में हूं। आया।

ग्राहक-कहां हो भैया गेट पर हूं।

रोहित-आया भैया एक मिनट में।

इसके बाद रोहित को फोन वेटिंग में आता है। लेकिन वह बाहर आकर ग्राहक से मिलता है और तीन एक हजार रूपए वाली टिकट का सौदा नौ हजार रूपए में तय कर पैसे तैयार रखने व वापस आने की बात कहकर अंदर चला जाता हैं। इसके बाद दोबारा ग्राहक फोन करता है
ग्राहक-कहा हो भैया

रोहित-ग्राहक से उस गेट पर आ जाओ भैया जहां अभी बात करी थी।

ग्राहक-सोनू बोल रहा हूं, भैया टिकट ले आओ

रोहित-कितनी चाहिए

ग्राहक-तीन ले आओ

रोहित-ठीक है नौ हजार रूपए ले आओ हो जाएगी।
ग्राहक-पांच ले आओ पन्द्रह हजार रूपए ले लेना।

इसके बाद हमारे संवाददाता के गले में मीडिया एक्रीडेशन का कार्ड देखकर रोहित भाग गया। इसके बाद हमने अंदर जाकर पूछताछ शुरू की तो रोहित ने सफाई देते हुए कहा कि वह तो मजाक रहा था। जिसको वह टिकट देने गया था वह पिछले मैच में दो टिकट खरीदने आया था तो उसके नम्बर ले लिए थे। मेरे पास टिकट नहीं है। इसके बाद टिकट मैनेजर हिमांशु को बुलाया जिसने भी पहले तो रोहित को डंाट लगाई और फिर किसी से फोन पर बात करते हुए कहा कि वह कह रहे है होने दो जो हो रहा है मैच के बाद देखेंगे।
मैं तो मजाक कर रहा था। मुझसे गलती हुई है। टिकट लेने वाला कौन था मैं नहीं जानता। मैं तो एेसे ही बाहर चला गया था मेरे पास टिकट नहीं थी।

रोहित यादव,कर्मचारी टिकट विंडो
अब यह पन्द्रह बीस मिनट बाहर लंच खाने की कहकर जाता है और वहां जाकर क्या करता है उसका तो मुझे पता नहीं।

हिमांशु, टिकट मैनेजर

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