हाथ काटकर शरीर से हुआ अलग
घाट की गूणी सुरंग में गुरुवार रात करीब सवा आठ बजे बाइक सवार सेवानिवृत्त कांस्टेबल रतन सिंह का सड़क किनारे रेलिंग से टकराने पर हाथ कटकर अलग हो गया। उन्हें तुरंत एसएमएस अस्पताल पहुंचाया, जहां से परिजन कटा हाथ और घायल को जेएलएन मार्ग स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए। इसके बाद निजी अस्पताल में उसके हाथ जोडऩे के लिए ऑपरेशन चला।
बाइक प्रवेश प्रतिबंधित, फिर कैसे पहुंचा?
गौर करने वाली बात है कि घाट की गूणी सुरंग में बाइकों के प्रवेश पर पाबंदी है, बाइक सवारों को रोकने के लिए सुरंग के दोनों तरफ ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात है। फिर भी रतन सिंह ने बाइक से सुरंग में कैसे प्रवेश ले गया, ये जांच का विषय बना हुआ है।
पुलिस ने बताया कि हादसे में घायल रतन सिंह (61) आगरा रोड स्थित प्रेम नगर निवासी है। गुरुवार रात को ट्रांसपोर्ट नगर से घाट की गूणी सुरंग होते हुए घर जा रहे थे। उन्होंने बताया कि बाइक का टायर फटने से गिर गए। लेकिन बाइक के दोनों टायर सुरक्षित थे। बाइक का एक इंडीकेटर टूटा था। हादसा बाइक फिसलने से हुआ या फिर किसी वाहन के टकराने से, इसकी जांच की जा रही है। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी देखी जा रही है।
पहले भी हो चुका है खौफनाक हादसा
इस सुरंग में साल 2013 में हुए दिल दहला देने वाले हादसे की तस्वीरें आज भी लोगों के ज़हन में ताज़ा हैं। सुरंग में एक ट्रक ने बाइक सवार परिवार को अपनी चपेट में ले लिया था। ट्रक ने कन्हैयालाल नाम के शख्स की 26 वर्षीय पत्नी गुड्डी और आठ महीने की बच्ची को कुचल दिया था। जिससे उनकी मौत हो गई थी। दर्दनाक हादसे का सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया था। इसमें कन्हैयालाल पत्नी और बच्ची की मौत पर रोता-बिलखता और मदद की गुहार लगाता दिखाई दे रहा था। तस्वीरें बेहद विचित और झकझोर कर रख देने वाली थी।
मनमोहन सिंह-सोनिया गांधी ने किया था लोकार्पण
गौरतलब है कि घाट की गूणी सुरंग परियोजना का लोकार्पण तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह एवं उस समय यूपीए अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी ने किया था। जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा 150 करोड़ रुपये की लागत से इस योजना का बीओटी आधार पर निर्माण करवाया गया था। लोकार्पण के बाद मनमोहन सिंह, सोनिया गाँधी और अशोक गहलोत ने सुरंग का अवलोकन भी किया था।
इसलिए सुरंग है ख़ास
अरावली पर्वत की सुरम्य वादियों में स्थित इस परियोजना की कुल लम्बाई 2800 मीटर है जिसके तहत 870 मीटर लम्बाई की दो सुरंगे जहां शहर के बढ़ते यातायात दबाव को कम करने के लिए बनाई गईं वहीं इसने गुलाबी नगर के पर्यटन की भी शोभा बढ़ाई। दोनों सुरंग 330 मीटर की दूरी पर आपस में जुड़ी हुई है।
घाट की गूणी सुरंग परियोजना के शुरू होने से जयपुर से आगरा के लिए वैकल्पिक एवं सुरक्षित आवागमन सुविधा मिली है। सुरंग में अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं जिनमें वेंटीलेशन के लिए पंखे, टेलीफोन बूथ, अत्याधुनिक अग्निशमन यंत्र, पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ के साथ ही रोशनी की समुचित व्यवस्था की गई है। सुरंग में वायु प्रदूषण के नियंत्रण के लिए सेंसर व्यवस्था भी उपलब्ध है। ब्रेक डाउन अथवा दुर्घटना से निपटने के लिए सुरंगों में दो इन्टरकनेक्टिंग मार्ग बनाये गये हैं।