2014 में जयपुर नगर निगम के 91 वार्ड बनाए गए थे, फिर अगस्त 2019 में 91 वार्डों से 150 वार्ड और अक्टूबर 2019 में दो नगर निगम और 250 वार्ड बनाए जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। यानी कि एक साथ 159 नए वार्डों का गठन किया जाएगा, और ये नए वार्ड पुराने वार्डों के पुनर्सीमांकन से ही तैयार किए जाएंगे।
हालांकि अपने इस फैसले कांग्रेस पार्टी को कितना फायदा होगा, ये तो निगम चुनावों के बाद ही पता चलेगा, लेकिन 6 माह के लिए चुनाव टल जाने से चुनाव लड़ने वाले नेताओं में हताशा जरूर है। बताया जाता कि निकाय चुनाव अप्रेल-मई के बीच कराए जा सकते हैं।
10-12 हजार की आबादी का होगा वार्ड
दरअसल जयपुर शहर की आबादी भी 27 लाख को पार कर चुकी है। इस नाते बड़े वार्डों के मुकाबले सरकार का फोकस छोटे वार्डों पर हैं और दो नगर निगम की घोषणा भी कहीं न कहीं इसी को ध्यान में रखकर की गई। माना जा रहा है कि पहले जहां अधिकांश वार्डों की आबादी 25 से 30 हजार हुआ करती थी, वहीं अब वार्ड 10-12 हजार के आबादी के ही रहेंगे।
यें होंगे दो निगम
जयपुर शहर में हैरिटेज जयपुर और ग्रेटर जयपुर दो नगर निगम होंगे। हैरिटेज जयपुर में 100 और ग्रेटर जयपुर में 150 वार्ड होंगे। हैरिटेज में पुराने 40 वार्डों का सीमांकन कर 100 वार्ड बनाए जाएंगे। इसी तरह ग्रेटर जयपुर में 51 वार्डों के सीमांकन से 150 वार्ड बनाए जाएंगे।
ये विधानसभा क्षेत्र होंगे शामिल
हैरिटेज नगर निगम में पांच विधानसभा क्षेत्रों हवामहल, सिविल लाइंस, किशनपोल और आदर्श नगर और आमेर और विद्याधर नगर के वार्डों को शामिल किया गया है। पांच में से चार विधानसभा सीटों पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा है। सिवि लाइंस के वार्ड 22 से 31, आदर्श नगर के वार्ड 61 से 70, किशनपोल के वार्ड 71 से 79, हवामहलके वार्ड 80 से 90 और आमेर विधानसभा का वार्ड 91 हैरिटेज में शामिल है।
हैरिटेज नगर निगम में पांच विधानसभा क्षेत्रों हवामहल, सिविल लाइंस, किशनपोल और आदर्श नगर और आमेर और विद्याधर नगर के वार्डों को शामिल किया गया है। पांच में से चार विधानसभा सीटों पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा है। सिवि लाइंस के वार्ड 22 से 31, आदर्श नगर के वार्ड 61 से 70, किशनपोल के वार्ड 71 से 79, हवामहलके वार्ड 80 से 90 और आमेर विधानसभा का वार्ड 91 हैरिटेज में शामिल है।
इसी प्रकार ग्रेटर नगर निगम में विद्याधर विधानसभा क्षेत्र के वार्ड संख्या 1 से 14, झोटवाड़ा के वार्ड संख्या 15 से 21, सांगानेर के वार्ड संख्या 32 से 44, बगरू के वार्ड संख्या 45 से 51 और मालवीय नगर के वार्ड संख्या 52 से 60 वार्ड़ शामिल हैं।
विकास को मिलेगी गति खर्च बढ़ेगा
हालांकि 250 वार्ड बनाए जाने के प्रक्रिया के तहत छोटे होने के चलते उनमें विकास के काम तो खूब होंगे, लेकिन सबसे बड़ी समस्या बजट और संसाधनों को होगी, क्योंकि दो निगमों में 250 वार्ड के बाद निगम कर्मचारियों की उपलब्धता और दोनों ही निगमों के लिए पर्याप्त संसाधन सरकार को जुटाने पड़ेंगे।
हालांकि 250 वार्ड बनाए जाने के प्रक्रिया के तहत छोटे होने के चलते उनमें विकास के काम तो खूब होंगे, लेकिन सबसे बड़ी समस्या बजट और संसाधनों को होगी, क्योंकि दो निगमों में 250 वार्ड के बाद निगम कर्मचारियों की उपलब्धता और दोनों ही निगमों के लिए पर्याप्त संसाधन सरकार को जुटाने पड़ेंगे।