जयपुर के ज्योतिषाचार्य पं. सुरेश शास्त्री के अनुसार एक सूर्य वर्ष 365 दिन और करीब 6 घंटे का होता है, जबकि एक चंद्र वर्ष 354 दिनों का माना जाता है। दोनों वर्षों के बीच लगभग 11 दिनों का अंतर होता है। ये अंतर हर तीन वर्ष में लगभग एक माह के बराबर हो जाता है। इसी अंतर को दूर करने के लिए हर तीन साल में एक चंद्र मास अतिरिक्त आता है, जिसे अतिरिक्त होने की वजह से अधिकमास का नाम दिया गया है। अधिकमास के पीछे पूरा वैज्ञानिक दृष्टिकोण है। अगर अधिकमास नहीं होता तो हमारे त्योहारों की व्यवस्था बिगड़ जाती है। अधिकमास की वजह से ही सभी त्योहारों अपने सही समय पर मनाए जाते हैं। जिस महीने में अधिकमास आता है उसके बाद के त्योहार 15-20 दिन विलंब से आते हैं।