ज्योतिषाचार्य पं. सुरेश शास्त्री के अनुसार गंगा माता का धरती पर अवतरण दस योगों में हुआ था। उस समय ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, बुधवार, हस्त नक्षत्र, व्यातिपात योग, गर करन, कन्या का चंद्रमा, वृष का सूर्य और आनंद योग बने थे। मान्यता के अनुसार जब दस में से कम से कम छह योग मिलते हैं, उसी दिन गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस बार दस में से सात योग ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, हस्त नक्षत्र, गर करण, कन्या का चन्द्रमा व वृषभ राशि का सूर्य व दोपहर 1:16 बजे के बाद व्यतिपात योग बनने से गंगा दशहरा पर्व का महत्व बढ़ गया है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होने से लोग स्नान के लिए गंगा जी पहुंचते हैं। लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण लोग गंगा नदी में स्नान नहीं कर पाएंगे। ऐसे में लोग पानी में गंगा जल का मिश्रण कर घरों में ही स्नान कर पुण्य कमाएंगे।