हर साल धुलंडी के दिन बड़ी संख्या में भक्त प्रभु संग होली खेलने के लिए मंदिर पहुंचते हैं। इस दौरान मंदिर प्रशासन की ओर से भी धुलंडी पर होली खेलने के विशेष इंतजाम किए जाते हैं। पिचकारी से भक्तों पर पानी की बौछार की जाती है। मगर इस बार नजारा बिलकुल अलग था। सामान्य दिनों की तरह ही भक्त आए और प्रभु के दर्शन के बाद परिक्रमा लगाकर घरों को चले गए। मंदिर परिसर में होली खेलने पर पाबंदी की चलते कई लोगों ने मंदिर परिसर के बाहर एक-दूसरे को गुलाल लगाई। खासकर महिलाएं होली खेलती नजर आईं। मंदिर परिसर में रोजाना के मुकाबले धुलंडी पर भक्तों की भीड़ ज्यादा नजर आई।
मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में स्वयंसेवक भी मंदिर प्रशासन की ओर से तैनात किए गए थे, जो लोगों से होली पर रोक का निवेदन कर रहे थे। बाकायदा जूता स्टेंड पर ही भक्तों से गुलाल और फूल रखवाए जा रहे थे। इसके अलावा मंदिर में भी स्वयंसेवक लगातार भक्तों पर नजर रखे हुए थे। लोगों को मास्क लगाने के लिए भी कहा जा रहा था, ताकि कोरोना से बचा जा सके।