राजधानी
जयपुर के लिए बड़ी खुशखबर है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने जयपुर शहर को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया है। शहर के सभी 91 वार्ड ओडीएफ हो गए हैं। महापौर अशोक लाहोटी और नगर निगम आयुक्त रवि जैन ने शहरवासियों, सभी जनप्रतिनिधियों, पार्षद और निगम अफसर-कर्मचारियों को इसके लिए बधाई दी है। स्वच्छता सर्वेक्षण से ठीक पहले ओडीएफ होने से जयपुर के लिए बड़ी उपलब्धि है। इससे स्वच्छता परीक्षा में जयपुर को फायदा मिलेगा।
पिछले दिनों ही केन्द्र सरकार की टीम जयपुर आई थी। टीम ने लगातार तीन दिन तक शहर का सर्वे कर रिपोर्ट दी थी। इसके बाद मंत्रालय ने जयपुर को ओडीएफ घोषित किया। ओडीएफ घोषित होने का लाभ अब स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में भी मिलेगा। क्योंकि सर्वे में ओडीएफ के नंबर भी मिलेंगे। इसके लिए भी उपायुक्त विनोद पुरोहित को कमान सौंपी गई है।
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अब स्वच्छता परीक्षा की बारी…
स्वच्छता सर्वेक्षण 20 जनवरी के बाद शुरू होगा। केंद्र सरकार की टीम तीन दिन तक स्वच्छता की हकीकत जानेगी। इसमें 4041 शहर शामिल है, जिनमें जयपुर शहर का मुकाबला होगा। इस परीक्षा में 4 हज़ार अंकों का पेपर है, जिसमें से 1400 अंक तो जनता के स्वच्छता से जुड़ाव के हैं। सिटीजन फीडबैक, स्वच्छता मोबाइल एप डाउनलोड करने और उसमें मांगी जा रही जानकारी के आधार पर नंबर मिलेंगे। इसके लिए लोगों का जुड़ाव महत्वपूर्ण है।
कच्ची बस्ती व कुछ जगह अब भी अडंगा…
शहर में कई कच्ची बस्ती सहित कुछ इलाकों में अब भी मकान और आबादी के अनुपात में शौचालय नहीं है। इसमें मुख्य रूप से वन विभाग की जमीन पर बसी आबादी गई, जहां विभाग ने शौचालय निर्माण से भी रोका हुआ है। इसमें मुख्य रूप से जवाहर नगर कच्ची बस्ती है। यहां निगम को सार्वजनिक केबिन शौचालय बनाने पड़े हैं।हालांकि, केंद्र सरकार की टीम को इसकी जानकारी दी गई और उन्होंने इससे ओडीएफ के लिए नगर निगम के प्रयास में कमी नहीं माना।
ओडीएफ के लिए ये किया….
—50 से ज्यादा ई—टॉयलेट लगाए
—3 दर्जन से ज्याद सुलभ शौचालय सुधारे
—500 सामुदायिक शौचालय कच्ची बस्ती में
—200 सार्वजनिक शौचालय लगाए
—18 हजार व्यक्तिगत शौचालय
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