जांच कर रही पुलिस ने बताया कि 63 वर्षीय चांद कंवर ने बताया कि उनके पति साल 2006 में नायाब तहसीलदार के पद से रिटायर हो गए थे और तब से उनक पेंशन उनके पेंशन खाते में आ रही थी। जरुरत के हिसाब से उसमें से रुपए निकाल लेते थे बाकि रुपए खाते में ही थे। लेकिन इस साल अप्रेल में पति को लकवे का अटैक आया और उनका आधा शरीर काम करना बंद कर दिया। इसी दौरान रमेश नाम का एक किरायेदार घर पर आया और उसने भरोसा जमाकर घर के सदस्य की तरह रहन सहन शुरु कर दिया।
वह घर के कुछ काम भी कर द देता था और बैंक संबधी काम के बारे में भी उसको जानकारी थी। लेकिन कुछ दिन पहले पता चला कि रमेश ने खातों में सेंध लगा दी। उसने कुछ तरकीब लगाकर खाते से अपने खाते में रुपए ट्रांसफर करना शुरू कर दिया और कुूछ ही महीनों में नौ लाख रुपए निकाल भी लिए। इस बारे में बैंक से भी सही समय पर पता नहीं चल सका। बाद में जब पता चला तो रमेश से इस बारे में बातचीत की तो उसने रुपए निकालने के बारे में मना कर दिया और उसके बाद रातों रात ही घर से फरार हो गया।
अब रुपए के साथ ही घर से जेवर और घर में रखा हुआ कैश भी गायब है। पुलिस ने रमेश के बारे में कुछ जानकारी जुटाई है। उसके खिलाफ ठगी और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।