प्रतापनगर के इंडिया गेट इलाके से अधिकतर बसें रवाना होती हैं। मुख्य सड़क पर बस खड़ी कर उनमें मजदूर बैठाए जा रहे थे। वहां बाकायदा टिकट काउंटर था और पास ही तैनात था पुलिस का गश्ती वाहन। बस रवानगी के बाद पुलिस वाहन में बैठकर निकल गई। इंडिया गेट से जगतपुरा होते हुए बसों को आगरा रोड पर निकाला जाता है।
केस1-स्थान प्रतापनगर
बस संख्याः आरजे 19 पीबी 7017 पत्रिकाः हमारे 15 मजूर हैं, गोरखपुर छोड़ने हैं
एजेंटः बस 11.30 बजे रवाना हुई है, कहां से आएंगे
एजेंटः जल्दी लेकर आओ, फॉरहंस ट्रेवल्स की बस को आगरा रोड पर रुकवाउंगा पत्रिकाःकिराया कितना ले रहे हैं, सही लगाना
एजेंटः लॉकडाउन में ले जा रहे हैं, थोड़ा महंगा तो होगा
बस संख्याः आरजे 27 पीबी 5655 पत्रिकाः गोरखपुर जाएगी क्या बस
एजेंटः नहीं बरेली जाएगी पत्रिकाः चलो, आगरा तक छोड़ देना वहां से दूसरी ले लेंगे
एजेंटः ठीक हैं, दिल्ली रोड पर ईदगाह पहुंच जाओ
एजेंटः 800 रुपए लेंगे दो बजे बस चलेगी, आराम से आ जाओ
केसः स्थानः प्रतापनगर
बस संख्याः आरजे 14 पीएफ 0555 पत्रिकाः हमें बिहार लेवर भेजनी हैं, एक बस छूट गई
परिचालकः ये जो बस खड़ी है, दो बजे जाएगी
परिचालकः ले आएंगे, ढाई हजार रुपए किराया है एक का पत्रिकाः दो बजे तक आ जाएंगे, किससे मिलें
परिचालकः रिंकू ट्रेवल्स की गाड़ी खड़ी है उसी में आना है
मजदूरों को लेकर यूपी-बिहार जा रही निजी बसों के खुलेआम संचालन से राजस्थान के साथ ही उत्तरप्रदेश के पुलिस और प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यूपी सरकार ने राजस्थान से हरिद्वार जाने वाली और सौरोजी अस्थि विसर्जन के लिए जाने वाली बसों पर रोक लगा रखी है। ऐसे में हजारों लोग अपनों की अस्थियां विसर्जन नहीं कर पा रहे हैं। लेकिन इन निजी बसों के उत्तरप्रदेश में प्रवेश पर कोई पाबंदी नहीं है।
महेन्द्र सोनी, परिवहन आयुक्त
राहुल प्रकाश, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, जयपुर