
जयपुर. विश्व विरासत जयपुर शहर आज अपना 295वां स्थापना दिवस मना रहा है। जयपुर शहर की स्थापना 1727 में महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने की, समय के साथ शहर करवट लेता... विकसित होता गया। स्मार्ट सिटी, मेट्रो सिटी के साथ विश्व विरासत शहर बन गया। चारदीवारी से बाहर निकलकर शहर 250 वार्डों में बंट गया। शहर का विस्तार करीब 40 से 50 किलोमीटर में हो गया। इस बीच हवा और जमीन में दौड़ती मेट्रो... एलीवेटेड पर सरपट दौड़ते वाहन... देर रात तक जागता जयपुर... देश—दुनिया में जाना—पहचाना नाम हो गया।
विश्व का पहला सुनियोजित शहर...
हेरिटेज का जीवंत उदाहरण जयपुर विश्व का पहला सुनियोजित और वास्तु के अनुसार बसाया गया शहर है, जिसका पहले नक्शा बनाया गया और बाद में बसावट की गई। इसका आर्किटेक्चर विद्याधर चक्रवर्ती ने तैयार किया। जयपुर को बसाने वाले सवाई जयसिंह द्वितीय खुद खगोलशास्त्र के बड़े विद्वान रहे। जयपुर को ज्योतिष और संस्कृति की नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
9 वर्गमील में बसा जयपुर
जयपुर एक ऐसा शहर है, जिसे बसाया तो सवाई जयसिंह द्वितीय ने था, लेकिन जयपुर शहर की बसावट की कल्पना 150 साल पहले ही मिर्जा राजा मानसिंह प्रथम ने कर ली थी। नवग्रहों के अनुरूप यहां नौ चौकड़ियां बसाई गई है। अष्टसिद्धि व नौ निधि को साकार करने के लिए दो चौकड़ियों को मिलाकर चौकड़ी सरद बनाई गई। जयपुर को 9 वर्गमील में बसाया गया।
यू करवट लेता गया जयपुर...
1875 में सवाई रामसिंह ने जयपुर का गुलाबी रंग करवाया। इसके बाद देश—दुनिया में जयपुर गुलाबी शहर के नाम से विख्यात हुआ। साल 1942 में महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय और तत्कालीन प्राइमिनिस्टर सर मिर्जा इस्माइल ने जयपुर को आधुनिक रूप दिया। 1942 में बाजारों के टीनशेड हटाकर बरामदें बनवाए और बाजारों को एकरूपता दी गई। इस बीच 1931 में जयपुर में रामगढ़ बांध से पानी की आपूर्ति शुरू हुई। मानसिंह द्वितीय ने रामगढ़ बांध से जयपुर को पानी की आपूर्ति करवाई। इससे पहले 1927 में जयपुर में बिजली आपूर्ति शुरू हुई, इसके लिए रेलवे स्टेशन के पास पावर हाउस बनाया गया। सबसे पहले सिटी पैलेस में बिजली आपूर्ति शुरू हुई, उसके बाद शहर के संग्रहालयों में बिजली आई। इसके बाद जयपुर की जनता को बिजली मिली।
यूं बदलता—विकसित होता गया जैपुर...
— 1727 में सवाई जयसिंह द्वितीय ने की थी जयपुर की स्थापना
— 1875 में सवाई रामसिंह ने शहर का गुलाबी रंग करवाया
— 1931 में जयपुर में रामगढ़ बांध से पानी आया
— 1927 में जयपुर में बिजली आपूर्ति शुरू हुई
— 1942 में महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय और तत्कालीन प्राइमिनिस्टर सर मिर्जा इस्माइल ने दिया जयपुर को आधुनिक रूप
— 1942 में बाजारों के टीनशेड हटाकर बरामदें बनवाए और बाजारों को दी एकरूपता
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आधुनिक जयपुर... मैट्रो, चौपाटी, सिटी पार्क
— आजादी के साथ ही शहर का होता गया विस्तार, परकोटे के बाहर भी हुआ विकास
— 5 फरवरी 2020 को जयपुर विश्व धरोहर शहर बना
— 23 सितंबर 2020 को जयपुर को मिली भूमिगत मेट्रो की सौगात
— नवम्बर 2020 में शहर को मिले दो महापौर
— हैरिटेज नगर निगम और जयपुर ग्रेटर नगर निगम को मिली महापौर
— नवंबर 2020 में ही शहर को मिले 250 वार्ड पार्षद
विकास का बढ़ता सफर...
जयपुर का सफर थमा नहीं, आजादी के साथ ही शहर का विस्तार हुआ, जयपुर का परकोटे से बाहर भी विकास होता गया।
— 5 फरवरी 2020 को जयपुर विश्व धरोहर शहर बना। यूनेस्को महानिदेशक ऑड्रे अजोले ने वल्र्ड हेरिटेज सिटी का प्रमाण पत्र दिया।
— 3 जून 2015 को जयपुर को मेट्रो ट्रेन की सौगात मिली। चांदपोल से मानसरोवर तक हवा में मेट्रो दौड़ी।
— 23 सितंबर 2020 को जयपुर को भूमिगत मेट्रो की सौगात भी मिल गई। चांदपोल से बड़ी चौपड़ तक भूमिगत मेट्रो दौड़ने लगी। आज जयपुर में बड़ी चौपड से मानसरोवर तक मेट्रो 178 चक्कर लगा रही है।
— जयपुर में हेरिटेज नगर निगम और जयपुर ग्रेटर नगर निगम बने। 10 नवंबर 2020 को शहर को दो महापौर मिली। शहर 250 वार्डों में बंट गया।
— यूरोपीयन शहरों के तर्ज पर राजधानी के बाहरी क्षेत्रों में साल 2021 में जयपुर चौपाटियां शुरू की गई। राजस्थान आवासन मंडल ने प्रतापनगर और मानसरोवर में दो चौपाटियां बनाई, जहां लोग देर रात तक परिवार सहित भोजन करने पहुंच रहे है।
— 21 अक्टूबर, 2022 को जयपुर को दूसरे सबसे बड़े पार्क के रूम में मानसरोवर में सिटी पार्क की सौगात मिली। मानसरोवर में करीब 52 एकड़ जमीन पर बन रहे इस सिटी पार्क के प्रथम फेज का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। यहां 65 मीटर ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज भी फहराया गया।
Published on:
18 Nov 2022 09:46 am
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