जिला प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित न हो जाए, इस आशंका में कांग्रेस ने अपने सदस्यों को जिला परिषद की बोर्ड बैठक में जाने से रोक दिया है। पार्टी ने अपने सभी सदस्यों को 10 बजे पीसीसी में बुलाया है।
जिला परिषद में सुबह 11 बजे बोर्ड की बैठक होगी। अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वाले भाजपा सदस्य जिला प्रमुख के विरोध में मुखर हैं। कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष मोहन डागुर का कहना है कि संगठन महासचिव महेश शर्मा के साथ सुबह 10 बजे सभी सदस्यों की पीसीसी में बैठक होगी।
हम अविश्वास प्रस्ताव की विचार बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। वहीं उपजिला प्रमुख मोहनलाल का कहना है कि भाजपा-कांग्रेस सदस्यों की सहमति से ही प्रस्ताव पेश किया गया था। हम जिला प्रमुख का विरोध कर रहे हैं, न कि कांग्रेस का। दूसरी ओर, सबकी निगाह अब इस पर है कि प्रस्ताव रखने वाले भाजपा के 26 सदस्यों के अलावा कांग्रेस और निर्दलीय सदस्य बैठक में शामिल होते हैं या नहीं।
भाजपा छोड़ कांग्रेस में चले गए थे मीणा
गौरतलब है कि 15 जनवरी को भाजपा सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव मुख्य कार्यकारी अधिकारी को सौंपा था। जिला प्रमुख को 13 और अविश्वास प्रस्ताव पारित कराने के लिए 39 सदस्य चाहिए होंगे। प्रस्ताव देते समय भी 25 से अधिक सदस्य उपस्थित थे। जिला परिषद में 51 सदस्यों का सदन है। निर्वाचन के बाद भाजपा के 27, कांग्रेस के 22 और 2 निर्दलीय सदस्य सदन में आए।
गौरतलब है कि 15 जनवरी को भाजपा सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव मुख्य कार्यकारी अधिकारी को सौंपा था। जिला प्रमुख को 13 और अविश्वास प्रस्ताव पारित कराने के लिए 39 सदस्य चाहिए होंगे। प्रस्ताव देते समय भी 25 से अधिक सदस्य उपस्थित थे। जिला परिषद में 51 सदस्यों का सदन है। निर्वाचन के बाद भाजपा के 27, कांग्रेस के 22 और 2 निर्दलीय सदस्य सदन में आए।
जिला प्रमुख पद के निर्वाचन में भाजपा के मूलचंद मीणा 27 भाजपा सदस्यों और एक निर्दलीय के समर्थन से जीते। फिर भाजपा से कांग्रेस में जाने पर भाजपा में 26 और कांग्रेस में 23 सदस्य हैं। इधर जिला परिषद सभागार में विचार बैठक को लेकर प्रशासनिक स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं। बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद मतदान की कार्यवाही शुरू होगी। साथ ही परिणाम घोषित किए जाएंगे।