वहां पर बजरी का ट्रकों में भरने का काम चल रहा था। करीब बीस से भी ज्यादा खनन करने वालों की टीम मौके पर थी। जिनमें सात से ज्यादा ट्रक और दो जेसीबी भी थीं। जैसे ही खनन विभाग की टीम पहुंची तो टीम पर पत्थरबाजी कर दी गई। टीम के साथ ही वहां पर मौजूद पटवारी, गिरदावर और तहसीलदार भी आ गए। उन्होनें खनन करने वालों को रोकना चाहा तो इसी दौरान मनोज मीणा नाम के जेसीबी चालक ने उनकी ओर जेसीबी मोड दी और उनको करीब पांच सौ मीटर तक दौड़ा दिया। इस दौरान खनन कर रहे अन्य लोग सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ करते हुए भाग गए। बाद में जेसीबी चालक भी जेसीबी लेकर भाग गया। खनन और प्रशासनिक अमले को मौके से ट्रक और बजरी का स्टॉक मिला, जिसे जब्त कर लिया गया। घटना आज सवेरे की बताई जा रही है।
इस साल 70 से भी ज्यादा हुए हमले
वसूली और खनन के इस खेल में इस साल ही सत्तर से ज्यादा हमले हो चुके हैं। बहुत सी जगह पुलिस और अन्य एजेंसियों की भी लिप्तता पाई गई है। बजरी खनन का खेल और वसूली का मामला तो इतना बढ़ा कि डीजीपी भूपेन्द्र सिंह को एक्शन लेते हुए पुलिस की दखल ही खत्म करनी पड गई। डीजीपी ने आदेश निकाल दिए कि पुलिस जब तक खनन नहीं रोकेगी तब तक खनन रोकने के जिम्मेदार विभाग लिखित में पुलिस की मदद नहीं मांग लेते। इस साल सबसे ज्यादा हमले के मामले भरतपुर संभाग में सामने आए हैं। उदयपुर संभाग में भी खनन माफिया का राज रहा है। जयपुर में भी खनन विभाग के हमले और सांठगांट की कई खबरें सामने आ चुकी हैं।