जयपुर शहर से ही हर बार सावन के चार से पांच सोमवार के दौरान बीस हजार से भी ज्यादा कावड निकलती है। चाकसू, शिवदासपुरा, बगरु, बस्सी, शाहपुरा, गोविंदगढ़ समेत आसपास के करीब पचास किलोमीटर के क्षेत्र से लाखों कावड़िए शिव का अभिषेक करने के लिए कावड यात्रा के रुप में गलता से जल लेकर जाते हैं और अभिषेक करते हैं। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हो सकेगा।
शहर के मंदिर बंद, जल चढ़ाना तो दूर हाथ लगाने की अनुमति भी नहीं
उधर सरकार ने पहले ही शहर के मंदिरों को बंद कर रखा है। जयपुर शहर में सबसे ज्यादा लोग ताडकेश्वर और झारखंड भोलेनाथ के दरबार में जाते हैं। लेकिन यहां कावड़ जल चढ़ाना तो दूर मंदिर में प्रवेश को ही बंद कर रखा है। शिव जी पर जल चढ़ाना तो दूर उनके हाथ लगाकार आर्शीवाद लेना भी अनुमत नहीं है। शहर के सभी छोटे बडे मंदिरों के लिए यही निर्देश हैं कि वे सरकार की अनुमति के बिना नहीं खोलें जाएंगे।