scriptKhatu Shyam Stampede : धर्म स्थलों में मौत के ये हैं 6 कारण | Khatu Shyam Stampede: These are the 6 reasons for death in religious | Patrika News
जयपुर

Khatu Shyam Stampede : धर्म स्थलों में मौत के ये हैं 6 कारण

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत( Cm Ashok gehlot) ने एलान किया है कि खाटूश्याम मन्दिर में हुए हादसे की संभागीय आयुक्त द्वारा जांच की जाएगी। इस घटना में मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये एवं घायलों को 20-20 हजार रुपये सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से देने के निर्देश दिया जाएगा।

जयपुरAug 08, 2022 / 07:24 pm

Anand Mani Tripathi

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राजस्थान (Rajasthan) के सीकर (Sikar) स्थित खाटू श्याम (Khatu Shyam Temple) के मासिक मेले में सोमवार सुबह पांच बजे भगदड़ मच गई। इस घटना में 3 महिला भक्तों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि तमाम लोग घायल हो गए। सभी घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एलान किया है कि खाटूश्याम मन्दिर में हुए हादसे की संभागीय आयुक्त द्वारा जांच की जाएगी। इस घटना में मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये एवं घायलों को 20-20 हजार रुपये सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से देने के निर्देश दिया जाएगा।
क्यों होती हैं ऐसी भगदड़

विशेषज्ञों की मानें तो भारत के धार्मिक स्‍थलों में भगदड़ होती है क्‍योंकि ज्यादातर जहरों पर किसी प्रकार का प्रबंधन नहीं होता है| राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों का पालन भी नहीं किया जाता है|किसी भी ऐसे स्‍थान पर जहां, भीड़ एकत्रित होने वाली है, वहां पहले मॉक ड्रिल होनी चाहिए|
भगदड़ के चार प्रमुख कारण

किसी भी धटना में भगदड़ के चार प्रमुख कारण होते हैं| भीड़ की प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसने की कोशिश, दम घुटना या फिर धक्‍का-मुक्‍की, किसी आपदा के चलते डर की स्थिति बन जाना और अफवाह की वजह से लोगों का डर के मारे भागना |
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हादसों के कारण
1. आपातकालीन निकास की अनुपस्थिति
बाधाएं, बैरिकेड्स, रास्ते, संकीर्ण प्रवेश-निकास बिंदु, आपातकालीन निकास की अनुपस्थिति|

2. आग और बिजली
बिजली की विफलता अचानक घबराहट पैदा करना, अस्थायी सुविधाओं में खाना बनाना, लकड़ी के ढांचे में आग लगना, दोषपूर्ण वायरिंग|
3. प्रवेश द्वारों का अचानक खुलना
भीड़, कर्मचारियों या सेवाओं का कम आंकना, प्रवेश द्वारों का अचानक खुलना, खराब यातायात नियमन, अच्छी सार्वजनिक प्रणाली की कमी

4. ट्रेन के शेड्यूल में अंतिम समय में बदलाव
बाहर निकलने के लिए जबरदस्ती रास्ता निकालना, धार्मिक नेता प्रभारी अधिकारियों द्वारा निर्धारित मार्ग के अलावा अन्य मार्ग अपनाना, देरी पर गुस्सा, ट्रेन के शेड्यूल में अंतिम समय में बदलाव आदि.
5. उपकरणों की अपर्याप्त आपूर्ति
योजना की कमी, भीड़ नियंत्रण कर्मियों को वॉकी-टॉकी जैसे उपकरणों की अपर्याप्त आपूर्ति, भीड़ नियंत्रण कर्मियों की कमी|

6. हितधारकों के बीच समन्वय का अभाव
विभिन्न सरकारी विभागों जैसे पुलिस, जिला प्रशासन, अग्निशमन सेवाओं, चिकित्सा अधिकारियों, कार्यक्रम आयोजकों, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी, संचार में देरी के बीच समन्वय की कमी|
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