आंदोलन शुरू हुए आज सप्ताह भर बीत रहा है। अब तक कई दौर की वार्ताएं चली हैं जिसके बाद कुछ मांगों पर सहमति बनी, पर कुछ पर अब भी गतिरोध बरकरार है। फिलहाल जिन मांगों पर गतिरोध बरकरार है उनमें मृतक पुजारी की मंदिर माफ़ी की ज़मीन पर जबरन हुई रजिस्ट्री को रद्द करवाने, भूमि पर बने निर्माण हटाकर भूमाफियाओं को बेदखल करने और मंदिर माफ़ी की ज़मीनों पर भूमाफियाओं के अवैध कब्ज़े रोकने के लिए सशक्त कानून बनाए जाने की मांग शामिल है।
सांसद डॉ किरोड़ी मीणा के अकेले दम पर शुरू हुए आंदोलन में अब पूरी भाजपा पार्टी कूद पड़ी है। सरकार से मांगे मनवाने पर ही आंदोलन ख़त्म किये जाने का फैसला लिया गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई है जिसके अनुसार अब पार्टी के नेता विधानसभावार अलग-अलग समय में धरना स्थल पर बैठेंगे।
शेष रही मांगों पर सरकार के साथ हुई पहले दौर की वार्ता बेनतीजा रही। अब सभी की निगाहें आज दूसरे दौर की वार्ता पर टिकी हुई हैं। हालांकि अभी तक सरकार के स्तर पर फिर से बातचीत के कोई संकेत नहीं मिले हैं। लेकिन माना जा रहा है कि राज्य सभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व और वरिष्ठ भाजपा नेताओं की मौजूदगी में जारी धरना-प्रदर्शन को देखते हुए उसे जल्द से जल्द ख़त्म करवाने की कोशिशें रहेंगी। ऐसे में आज फिर से वार्ता होने की उम्मीद जताई जा रही है।
पुजारी को न्याय दिलाने की मांग पर शुरू हुए आंदोलन के छठे दिन भी राज्य सभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने सड़क पर ही रात गुजारी। पिछले पांच दिनों से वे दौसा के महवा थाने के बाहर रात भर धरने पर डटे रहे थे। अब आंदोलन के छठे दिन उन्होंने जयपुर की सड़क किनारे रात गुजारी। इस बार उनके समर्थन में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता भी साथ नज़र आये। सभी ने सांसद का साथ देते हुए रात भर धरना स्थल पर ही गुजारी।