गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने ट्रैक पर ही पांच फीसदी आरक्षण का नोटिफिकेशन लाने पर ही आंदोलन खत्म करने की बात कही है। बैंसला ने कहा कि जब तक हमें हमारा आरक्षण यहां नहीं मिलता हम यहां से नहीं जाएंगे।
आंदोलन में अब तक 72 लोगों की जान चली जाने पर बैंसला ने कहा कि चाहे 7200 लोगों की जान चली जाए मैं आरक्षण लेकर रहूंगा। आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने पर उन्होंने कहा कि मैं अनपढ़ आदमी हूं। मैं कुछ नहीं जानता। हमें हमारा आरक्षण चाहिए। वह भी परमानेंट। चाहे यह 50 प्रतिशत के अंदर हो या बाहर।
सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और आइएएस नीरज के. पवन शनिवार शाम 5:30 बजे स्थल पड़ाव स्थल पहुंचे। मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार गुर्जर समाज की मांगें मानने को तैयार है। इसके लिए समाज ट्रैक से हटकर जयपुर या अन्यत्र कहीं बातचीत करें। सरकार के प्रतिनिधि और गुर्जर समाज के बीच वार्ता के दौरान कई बार हंसी मजाक से माहौल को सौहार्दपूर्ण रखा गया।
बातों ही बातों में बैंसला ने विश्वेंद्र सिंह से कहा कि हम तो अब पटरी पर बैठ गए हैं। अब चाहे जो हो, आरक्षण लेकर ही उठेंगे। इस पर विश्वेंद्र सिंह ने बैसला की ओर से उनको बताया गया वाकिया दोहराया और कहा कि बैसला साहब आपने एक बार बताया था कि गुर्जरों ने तो बाबर के ऊंट तक छीन लिए थे, अब आरक्षण लेना कौनसी बड़ी बात है। इस पर वहां जोरदार ठहाके के बीच लोग हंस पड़े। वार्ता के बाद गुर्जर समाज के विजय सिंह बैंसला और शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से आए मंत्री और आइएएस अधिकारी के पास कोई प्रस्ताव नहीं था। वे बिना तैयारी आए थे। मांग पूरी नहीं होने तक पड़ाव जारी रहेगा।