scriptजयपुर के 117 बूथों पर 50 फीसदी से कम पोलिंग, इनमें 44 सांगानेर के | Less than 50% polling at 117 booths in Jaipur, 44 of them in Sanganer | Patrika News
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जयपुर के 117 बूथों पर 50 फीसदी से कम पोलिंग, इनमें 44 सांगानेर के

Lok Sabha Election : जयपुर के 117 बूथों पर 50 फीसदी से कम पोलिंग हुई। गौर की बात तो यह है कि इनमें से 44 सांगानेर के हैं। ऐसे में कम पोलिंग के कारणों को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। कम पोलिंग का सबसे बड़ा कारण यह बताया जा रहा है कि कार्यकर्ताओं ने मजबूत और कमजोर सीटें अपने मन में पहले ही निर्धारित कर ली थी।

जयपुरApr 23, 2024 / 11:29 am

Supriya Rani

polling

जयपुर. लोकसभा सीट जयपुर में आठ विधानसभा क्षेत्रों के 117 पोलिंग बूथ पर 50 फीसदी और इससे कम मतदान हुआ है। इनमें सर्वाधिक 44 बूथ सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के हैं। 1968 बूथ पर 51 से 90 फीसदी तक मतदान हुआ है। चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों में सामने आया है कि सिविल लाइंस और सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के एक-एक बूथ पर 21 से 30 फीसदी मतदान हुआ है। सभी विधानसभा क्षेत्र में 12 बूथ पर 31 से 40 फीसदी मतदान हुआ है। जयपुर की आठ विधानसभा क्षेत्रों में कुल 2085 बूथ हैं।

जयपुर लोकसभा चुनाव में महज 26 पोलिंग बूथ ऐसे हैं, जहां पर 81 से 90 फीसदी मतदान हुआ है। इनमें सर्वाधिक हवामहल में 11, किशनपोल में 6, आदर्श नगर में 4, सांगानेर में 1, बगरू में 4 बूथ हैं। इसके अलावा 373 बूथ ऐसे हैं, जहां पर 71 से 80 फीसदी मतदान हुआ। 1016 बूथ ऐसे हैं जहां पर 61 से 70 फीसदी मतदान हुआ है।

ये रहे मतदान कम होने के कारण

– अपनी मजबूत सीटों पर भाजपा कार्यकर्ता अति आत्मविश्वास और कांग्रेस कार्यकर्ता अपनी कमजोर सीट पर इस बार उदासीन रहा, इनमें सांगानेर, मालवीय नगर, विद्याधर नगर प्रमुख है।

– दोपहर में तेज गर्मी के कारण मतदान प्रतिशत प्रभावित हुआ

– इस बार दोनों ही राजनीतिक दलों का चुनाव प्रचार अभियान मजबूत नहीं था। मतदाताओं तक प्रत्याशियों की पहुंच, पहले हुए चुनावों की तुलना में कम रही। इससे चुनाव का माहौल ही नहीं बन पाया।

– पार्टी में उपेक्षा और दूसरे दलों से आए नेताओं को महत्व दिए जाने के कारण कई कार्यकर्ता प्रत्याशियों के साथ सिर्फ मुंह दिखाई के लिए ही घूमे।

– प्रत्याशियों का प्रचार अभियान सोशल मीडिया आधारित ही रहा, मतदाताओं से सीधे संपर्क का प्रयास औपचारिकता पूरी करने के लिए ही किया।

– कई विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं का बड़ा वर्ग विधानसभा चुनाव के बाद से ही उदासीन है।

– शादी विवाह और अन्य आयोजनों में व्यस्तता के कारण कई लोगों ने मतदान नहीं किया।

कम मतदान के सियासी मायने

– गत लोकसभा चुनाव में भाजपा को 60 हजार से सवा लाख तक की बढ़त दिलाने वाले चार विधानसभा क्षेत्रों में इस बार मतदान प्रतिशत गिरने से भाजपा का मार्जिन प्रभावित हो सकता है। इनमें मालवीय नगर, सांगानेर, विद्याधर नगर और बगरू विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

– हालांकि भाजपाइयों का मानना है कि कांग्रेस के प्रति उदासीनता से कांग्रेस के मतदाता मतदान के लिए नहीं आए और अधिकांश मत भाजपा को ही मिले हैं।
– गत चुनाव में किशनपोल में भाजपा को 5523 और हवामहल से 12200 मतों की बढ़त मिली थी। किशनपोल के मत प्रतिशत में इस बार मामूली गिरावट आई है।

– पहले चरण के चुनाव में हवामहल ही ऐसा विधानसभा क्षेत्र है, जहां प्रदेश में सर्वाधिक मतदान हुआ है। इन दोनों सीटों पर इस बार कांटे का मुकाबला देखने को मिल सकता है।

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