उन्होंने कहा कि भाजपा बाबा साहब के नाम पर दलितों को मूर्ख बनाकर सिर्फ वोट बटोरने की राजनीति कर रही है। वे भाजपा के टिकट पर पिछली बार सांसद बने तो श्रेष्ठ सांसद का अवार्ड लेने के साथ ही तीन और अवार्ड जीते। लेकिन फिर भी टिकट काट दिया गया। इसकी वजह है कि कई बार दलित विरोधी फैसलों के खिलाफ पार्टी और सरकार की मुखालिफत की थी। इसी की सजा बतौर टिकट काट दिया गया। वे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर भी टिप्पणी करने से नहीं चूके। आरोप लगाया कि वे आज दलितों के लिए क्या कर रहे हैं। आज कहा जा रहा है कि देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (
PM Narendra Modi ) के हाथों में सुरक्षित है। जबकि उन्हीं के राज में इंटेलीजेंस फेल साबित हुई और पुलवामा अटैक (
pulwama attack ) का सेना को सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि भाजपा की अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए बनीं नीतियां सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहीं। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जन जाति आयोग और स्टैंडिंग कमेटी ऑन सोशल जस्टिस का भी अस्तित्व लगभग खत्म सा हो गया है। दलितों को उच्च शिक्षा के लिए मिलने वाली 2 हजार रुपए की छात्रवृति को बंद कर दिया गया है। वास्तविकता में जो भी योजनाएं हैं, उनमें दलित वर्ग को कोई लाभ नहीं मिल रहा। राजस्थान को लेकर उदित राज ने कहा कि प्रदेश में भाजपा के शासन में दलित व आदिवासियों पर अत्याचार व इनके खिलाफ अपराध चरम पर थे। लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कमी आई है।