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जयपुर

रामगढ़ बांध पर महापंचायत, फिर सांसदों का हल्ला बोल

बांध को पुनर्जीवित करने के लिए हुई महापंचायत
जमवारामगढ़ में जुटे सांसद किरोड़ीलाल मीणा, रामचरण बोहरा
एडीम को 109 निर्माण की सौंपी सूची

जयपुरOct 21, 2019 / 06:44 pm

Bhavnesh Gupta

रामगढ़ बांध पर महापंचायत, फिर सांसदों का हल्ला बोल

रामगढ़ बांध पर महापंचायत, फिर सांसदों का हल्ला बोल

जयपुर। रामगढ़ बांध को फिर से पुनर्जीवित करने के लिए लोगों का कारवां जुटने लगा है। बांध में चम्बल और यमुना नदी का पानी लाने और बाणगंगा नदी बहाव क्षेत्र में बने प्रभावशाली लोगों का अतिक्रमण हटाने के लिए सोमवार को जमवारामगढ़ स्थिति एडीएम कार्यालय पर जुटे। महापंचायत में राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा, सांसद रामचरण बोहरा, राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा, विधायक रामलाल शर्मा सहित कई नेताओं के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने धरना दिया। सभी नेता सरकारी अफसरों पर बरसे और चेताते हुए कहा कि, बहाव क्षेत्र से रसूखदारों को हटाने की बजाय उनका संरक्षण किया जा रहा है। इसी कारण अब भी 109 अतिक्रमण बहाव क्षेत्र में बने हुए हैं। इस बीच बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने भी दो टूक कह दिया कि- बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण नहीं हटा तो वे अब उसी जगह जाकर धरना देंगे। महापंचायत में ढोल बजाकर लोगों का स्वागत किया जाता रहा। गौरतलब है कि हाईकोर्ट लगातार अतिक्रमण हटाने के लिए सरकार को चेताता रहा है।
बोहरा भी बरसे

सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि बांध को पुनर्जीवित करना बेहद जरूरी है। लेकिन सरकार उन सभी कारणों का पता ही नहीं लगा पा रही है जिसके चलते पानी मूल बहाव क्षेत्र तक भी नहीं पहुंच पा रहा है। दिल्ली हाइवे के निर्माण के दौरान भी बड़ी खामियां छोड़ दी गई जिसके कारण पानी बहाव क्षेत्र में नहीं पहुंच पा रहा है। इस दौरान भाजपा नेता सुमन शर्मा ने कहा कि नगरीय विकास मंत्री को मौका मुआयना करने की फुर्सत नहीं है। उन्हें यहां आकर हकीकत जाननी चाहिए।
अब भी रेफरेंस बाकी

रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में जमीन आवंटन से जुड़े कुल 780 रेफरेंस पेश किए गए। इनमें से 633 मामलों को राजस्व मण्डल भेजा गया और 271 में आवंटियों के खिलाफ फैसला आया। फैसले के बाद जिला प्रशासन ने 269 मामलों से जुड़ी जमीन पर कब्जा लिया। हालांकि, अब भी बड़ी संख्या में रेफरेंस लंबित हैं। इस कारण बहाव क्षेत्र से रुकावट नहीं हट पा रही।
सीएम करे पहले

-ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट शुरू होने से 13 राज्यों को फायदा होगा। केवल मध्यप्रदेश सरकार से बातचीत करनी है। दोनों राज्यों में कांग्रेस सरकार है, इसलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ही पहल कर इस प्रोजेक्ट में आ रही रुकावट को दूर करना चाहिए।
-चम्बल, मेज नदी या ब्राहृमणी नदी का पानी बीसलपुर से लाया आए।

-मानसून के दौरान युमना कैनाल में आ रहे अतिरिक्त पानी को एक चैनल के जरिए रामगढ़ बांध तक लाएं। इसके लिए हरियाणा सरकार से एमओयू किया जा सकता है।इसी चैनल के एक हिस्से से रूपारेल नदी में पानी लाया जा सकता है, जिससे अलवर व भरतपुर के बांध भी लबालब हो सकते हैं।
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