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जयपुर

पशुपालन और कृषि के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों से किसानों को जागरूक करें : कटारिया

पशुधन पर राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन शुरू400 वैज्ञानिक हो रहे हैं शामिल

जयपुरFeb 04, 2020 / 06:03 pm

Suresh Yadav

पशुपालन और कृषि के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों से किसानों को जागरूक करें : कटारिया

पशुपालन और कृषि के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों से किसानों को जागरूक करें : कटारिया

जयपुर।

पशुपालन और कृषि के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों से किसानों को जागरूक किया जाना चाहिए। क्योंकि कसान की आजीविका की शुरुआत पशुपालन से ही होती है। यह बात मंगलवार को पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान में आयोजित कृषि अर्थव्यवस्था और उद्यमशीलता बढ़ाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले पशु उत्पाद प्राप्त करने के लिए पशुधन प्रबंधन के प्रतिमानों में बदलाव विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर कही।
कटारिया ने बढ़ते रसायनिक उपयोग पर चिंता जताते हुए कहा कि इनके उपयोग कैंसर जैसी घातक बीमारियां हो रही है। इसलिए हमें जैविक खेती को बढ़ावा देना होगा। राज्य सरकार इस ओर प्रभावी कदम बढ़ा रही है और जैविक खेती को प्रोत्साहित कर रही है। इस अवसर पर पद्मश्री डॉक्टर केके शर्मा ने कहा कि वेटरनरी में ग्लैमर नहीं है, लेकिन मैं मानता हूं कि इससे अच्छा प्रोफेशन नहीं है। सम्मेलन में देशभर के पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों के करीब 400 वैज्ञानिक और शोधार्थी भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर बीकानेर के वेटरनरी विश्वविद्यालय और इंडियन सोसाइटी ऑफ एनिमल प्रोडक्शन एंड मैनेजमेंट की ओर से आयोजित सम्मेलन में कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल नई दिल्ली के सदस्य डॉ. ए. के. श्रीवास्तव, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के उपमहानिदेशक (पशु विज्ञान) डॉ. बी. एन. त्रिपाठी और राज्य के पशुपालन शासन सचिव डॉ. राजेश शर्मा भी मौजूद थे.
आयोजन सचिव प्रो. संजीता शर्मा ने बताया कि सम्मेलन में नवीन तकनीकी विकास, उद्यमशीलता बढ़ाने के साथ-साथ पशुओं के पौष्टिक आहार, जलवायु प्रभावों और उच्च गुणवत्ता वाले पशुओं के प्रजनन और स्वास्थ्य प्रबंधन पर वैज्ञानिक व विशेषज्ञ विमर्श करेंगे. इस दौरान वैज्ञानिक अपने शोध भी प्रस्तुत करेंगे। शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय सम्मेलन के 6 तकनीकी सत्रों में पशु उत्पादन और पशुपालकों की आय बढ़ाने के रणनीतिक उपायों पर चर्चा की जाएगी।
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