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जयपुर

सब भूल जाएंगे बड़े होकर बस यही रह जाएगा याद

आपके तमाम उपदेश या कहा-सुना बच्चों को याद रहे या नहीं लेकिन जब वे बड़े हो जाएंगे तो यह जरूर याद रखेंगे कि कैसे आप रजाई में सिमट कर उन्हें कहानियां सुनाते थे या कि साथ में खेलते और गुनगुनाते थे।

जयपुरSep 29, 2019 / 02:07 pm

Amit Purohit

सब भूल जाएंगे बड़े होकर बस यही रह जाएगा याद

सब भूल जाएंगे बड़े होकर बस यही रह जाएगा याद

अपना क्वालिटी टाइम बनाएं
अपने बच्चों के साथ खेलें। एक्टिविटी की इतनी अधिक परवाह न करें। जो भी बच्चे चुने, बस देखे कि इससे नुकसान या चोट की आशंका न हो। नियमों की चिंता न करें। बस, उनके साथ का आनंद लें। खेल की असली भावना यही है।
साथ में पढ़े किताब
हर दिन एक साथ किताबें पढ़ें। आप यह प्रयोग नवजात शिशु के साथ भी शुरू कर सकते हैं। बच्चों को अपने माता-पिता की आवाज सुनना अच्छा लगता है। अपने बच्चे के साथ बॉन्डिंग बैठाने के लिए एक किताब साथ में पढऩा एक ऐसा अनुभव है जो उसे जीवन भर याद रहेगा और उसके काम आएगा।
रोज निकाले साथ घूमने का
बच्चे अगर बड़े हैं तो दिन के एक निश्चित समय को उनके साथ घूमने के लिए निकालें। बच्चे को एक ऐसी गतिविधि का चयन करने दें, जहां आप 10 या 15 मिनट तक बिना किसी रुकावट के साथ घूम-फिर सकें। उनके लिए अपना प्यार दिखाने का यह एक बेहतर तरीका नहीं है।
पिता का वक्त बहुत जरूरी
माएं, अपने बच्चों के साथ बहुत अधिक वक्त सहज रूप से बिताती है लेकिन बच्चों को पिता के साथ की भी जरूरत होती है। उनके जीवन को बेहतर बनाने में जुटे रहने वाले पिता अगर हमेशा जल्दी में रहते हैं तो यह बच्चे के विकास में देर कर सकता है। पिता के क्वालिटी टाइम का फायदा लेने वाले बच्चे स्कूल में भी बेहतर करते हैं, समस्या-समाधान अधिक सफलतापूर्वक करते हैं, और आम तौर पर जीवन जो भी उन्हें देता है, उसका बेहतर तरीके से सामना करते हैं।

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