यही कारण है कि शनि की महादशा, शनि साढ़ेसाती आदि से गुजर रहे लोग प्राय: परेशान रहते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि ऐसे लोगों के लिए शनिदेव की पूजा—अर्चना या अन्य उपाय आंशिक राहत तो देते ही हैं। शनिवार का दिन शनिदेव की पूजा कर उनके प्रकोप को दूर करने के लिए अनुकूल माना गया है। इस दिन शनि मंदिर में शनि शिला पर तैल अर्पित करना और पीपल की पूजा करना भी फायदेमंद माना जाता है।
शनि की प्रसन्नता के लिए पिप्लाद ऋषिकृत शनि स्तोत्र का पाठ करना फलदायक माना गया है। इस दिन शनि के शुभ प्रभाव प्राप्त करने के लिए दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ भी किया जाता है. यदि शनि की महादशा, शनि साढ़ेसाती चल रही हो और शनि आपको ज्यादा परेशान कर रहा हो तो शनिदेव के बीज मंत्र का जाप सबसे ज्यादा राहत प्रदान कर सकता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर बताते हैं कि शुक्ल पक्ष के किसी भी शनिवार से शनि बीज मंत्र— ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: का जाप शुरू करें। शनि मंदिर या घर में पूजा स्थल पर रुद्राक्ष माला से इस मंत्र का जाप करें। इस मंत्र के 23000 हजार जाप 40 दिनों में पूर्ण करने होंगे। इसके लिए रोज करीब आधा घंटे जाप करना होगा लेकिन शनि का दुष्प्रभाव दूर करने का यह सबसे प्रभावी उपाय है।