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जयपुर

प्रदेश में लाखों बेरोजगार, नौकरी के नाम पर कुछ नहीं

National Youth Day: विभाग भी नहीं दे पा रहा सही आंकड़े, हाल ही रदद हुई लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा , राष्ट्रीय युवा दिवस आज
 
 

जयपुरJan 12, 2020 / 12:14 pm

MOHIT SHARMA

Millions of unemployed in state, nothing in the name of job

प्रदेश में लाखों बेरोजगार, नौकरी के नाम पर कुछ नहीं

जयपुर। प्रदेश में रोजगार के सही अवसर उपलब्ध नहीं होने से शिक्षित बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिस कौशल रोजगार एवं उद्यमिता विभाग पर सरकार हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, उसका काम बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलवाने की जगह केवल उनके रजिस्ट्रेशन तक सीमित हो गया है। इसकी गवाही खुद विभाग के आंकड़े दे रहे हैं। करीब 9 लाख बेरोजगार तो विभाग के आंकड़े ही बता रहे हैं। जबकि प्रदेश में करीब 25 लाख से अधिक बेरोजगार नौकरी की तलाश में हैं। हालात ये है कि करीब 11 लाख से अधिक तो बीएड और एसटीसी डिग्रीधारी ही बेरोजगार घूम रहे हैं। विभाग आए दिन रोजगार मेले लगाता है, उसमें रजिस्ट्रेशन तो सैंकड़ों की संख्या में होते हैं, लेकिन नौकरी कुछेक को ही मिल पाती है। वहीं दूसरी सरकार भर्ती भी निकाल देती है तो कई भर्तियां कोर्ट केस में फंस जाती हैं तो किसी का पर्चा लीक हो जाता है और अंत में बेरोजगार अभ्यर्थियों के हाथ कुछ नहीं लगता। अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग की है कि पर्चा लीक नहीं हो और परीक्षाएं रदद नहीं हों, इसके लिए कोई सख्त कदम उठाना चाहिए।
15 लाख रोजगार का वादा
पूर्ववती भाजपा सरकार ने पांच साल में प्रदेश के 15 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन नौकरी करीब डेढ़ लाख को ही मिल पाई। कई भर्तियां कोर्ट में जाकर अटक गईं, जो आज भी लंबित हैं। जिसमें करीब 33 हजार विद्यालय सहायक, 10 हजार से अधिक पदों पर पंचायती राज एलडीसी भर्ती, नर्सिंग भर्ती 2013 जो करीब 11 हजार पदों के लिए थी अभी तक लंबित है। वर्तमान कांग्रेस सरकार ने 75 हजार नौकरियां देने का बजट में वादा किया था, अभी तक सिर्फ दो तीन भर्तियों के विज्ञापन जारी हुए हैं, जिसमें मेडिकल आफिसर और सहकारिता विभाग की भर्ती शामिल हैं।
हाल ही रदद हुई लाइबेरियन भर्ती
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से पिछले महीने हुई लाइब्रेरियन की भर्ती परीक्षा पर्चा लीक होने से रदद कर दी गई। इससे अभ्यर्थी काफी परेशान हुए। 55 हजार अभ्यर्थियों ने यह परीक्षा दी थी।
इससे पहले अभी चल ही व्याख्याता भर्ती परीक्षा भी करीब 1 साल आगे खिसक गई थी। यह परीक्षा पिछले साल ही होनी थी, लेकिन विधानसभा चुनाव की वजह से इसे आगे खिसकाया गया, फिर ईडब्ल्यूएस के फार्म भरने के कारण देरी हुई। विद्यार्थियों ने जमकर धरने प्रदर्शन किए अब यह भर्ती परीक्षा हो रही है।
अक्टूबर 2018 में हुई जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा में नकल का मामला सामने आने के बाद परीक्षा रदद कर की गई थी।
बेरोजगार अभ्यर्थियों का कहना है
सरकार सभी लंबित भर्तियों को जल्द पूरा करे और नई भर्तियों के लिए पहले कलेण्डर जारी करे। साथ ही यह भी बताए की परीक्षा कब होगी और परिणाम कब जारी होगा। नियुक्ति कब तक दी जाएगी। यदि कहीं कोई गलती होती है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
उपेन यादव, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ
पेपर आउट होने और परीक्षा रदद होने से अभ्यर्थियों को आर्थिक नुकसान तो होता ही है, साथ ही मानसिक पीड़ा भी होती है। सरकार को चाहिए की पेपर लीक मामले में संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कानून बनाना चाहिए। परीक्षा रदद होने से हजारों अभ्यर्थियों को नुकसान होता है।
अक्षय श्रीमाली, अभ्यर्थी
परीक्षाओं का निरस्त होना बेरोजगारों की पीठ तोड़ने से कम नहीं है। वर्तमान सरकार इसमें सुधार की कोशिश कर रही है, फिर भी अभी बहुत काम करना बाकी है। सरकार को परीक्षाएं ऐसे समय करानी चाहिए जब विद्यार्थियों को परेशानी नहीं हो। नई भर्तियां भी निकालनी चाहिए।
मनोज झाला, अभ्यर्थी

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