पूर्ववती भाजपा सरकार ने पांच साल में प्रदेश के 15 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन नौकरी करीब डेढ़ लाख को ही मिल पाई। कई भर्तियां कोर्ट में जाकर अटक गईं, जो आज भी लंबित हैं। जिसमें करीब 33 हजार विद्यालय सहायक, 10 हजार से अधिक पदों पर पंचायती राज एलडीसी भर्ती, नर्सिंग भर्ती 2013 जो करीब 11 हजार पदों के लिए थी अभी तक लंबित है। वर्तमान कांग्रेस सरकार ने 75 हजार नौकरियां देने का बजट में वादा किया था, अभी तक सिर्फ दो तीन भर्तियों के विज्ञापन जारी हुए हैं, जिसमें मेडिकल आफिसर और सहकारिता विभाग की भर्ती शामिल हैं।
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से पिछले महीने हुई लाइब्रेरियन की भर्ती परीक्षा पर्चा लीक होने से रदद कर दी गई। इससे अभ्यर्थी काफी परेशान हुए। 55 हजार अभ्यर्थियों ने यह परीक्षा दी थी।
इससे पहले अभी चल ही व्याख्याता भर्ती परीक्षा भी करीब 1 साल आगे खिसक गई थी। यह परीक्षा पिछले साल ही होनी थी, लेकिन विधानसभा चुनाव की वजह से इसे आगे खिसकाया गया, फिर ईडब्ल्यूएस के फार्म भरने के कारण देरी हुई। विद्यार्थियों ने जमकर धरने प्रदर्शन किए अब यह भर्ती परीक्षा हो रही है।
अक्टूबर 2018 में हुई जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा में नकल का मामला सामने आने के बाद परीक्षा रदद कर की गई थी।
सरकार सभी लंबित भर्तियों को जल्द पूरा करे और नई भर्तियों के लिए पहले कलेण्डर जारी करे। साथ ही यह भी बताए की परीक्षा कब होगी और परिणाम कब जारी होगा। नियुक्ति कब तक दी जाएगी। यदि कहीं कोई गलती होती है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
उपेन यादव, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ
अक्षय श्रीमाली, अभ्यर्थी
मनोज झाला, अभ्यर्थी