सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में हाल ही में हुई प्राकृतिक आपदा के कारण राज्य सरकार के स्तर से केन्द्र सरकार को मापदण्डों में ढिलाई देने के लिए आग्रह किया गया था। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के निर्धारित मापदण्डों के तहत चमकहीन गेहूं नहीं खरीदा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि किसानों की समस्या को देखते हुए फसल पर गुणात्मक एवं मात्रात्मक क्षति से भारत सरकार को अवगत कराया गया था और उसमें निर्धारित गुणवत्ता मापदण्ड में गेहूं की चमक को हटाने या अधिकतम रियायत प्रदान करने की अनुमति देने का आग्रह किया गया था, जिसके क्रम में सरकार ने किसानों की प्राकृतिक आपदा की स्थिति में कठिनाइयों को कम करने तथा संकट की स्थिति में औने पौने दामों में उपज की बिक्री को रोकने के लिहाज से यह निर्णय किया गया है।
उन्होंने बताया कि बेमौसम बारिश से प्रभावित जिलों के किसानों को राहत देने के लिए केन्द्र सरकार ने भारतीय खाद्य निगम व राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के सहयोग से खरीद केन्द्रों पर आ रहे गेहूं का सेम्पल सर्वे करवाया था। कोटा संभाग में 15 मार्च से तथा प्रदेश के अन्य संभागों में एक अप्रेल से किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद की जा रही है।
खसरा-रूबेला अभियान 22 जुलाई से शुरु राज्य सरकार द्वारा 22 जुलाई से खसरा-रुबेला अभियान की शुरुआत की जा रही है। इस अभियान के तहत राज्य सरकार द्वारा इस बीमारी की रोकथाम के लिए समस्त जिला कलक्टरों को राज्य स्तर की तरह जिलों में भी कोर ग्रुप का गठन करने के निर्देश दिये गए हैं। इस कोर गु्रप में सहयोगी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी शामिल होंगे। कोर ग्रुप की बैठक प्रति सप्ताह शुक्रवार तक आयोजित की जाएगी ताकि समस्याओं तथा मुद्दों पर चर्चा कर उनका समाधान किया जा सके।
राज्य सरकार द्वारा जिले के काजी अथवा प्रमुख इमाम को भी टीकाकरण जिला टास्क फोर्स में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए अभियान शुरु होने से पहले सभी सरकारी विद्यालयों में आयोजित होने वाली बाल सभाओं के दौरान खसरा-रूबेला के संबंध में जानकारी भी दी जाएगी।
मेट की मजदूरी दर 213 रुपए प्रति दिवस तय, एक अप्रैल से लागू ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार की अधिसूचना 26 मार्च 2019 के द्वारा महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए मेट की मजदूरी दर प्रति दिवस तय की गई है।
परियोजना निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव ईजीएस राजेन्द्र सिंह केन ने समस्त जिला कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक महात्मा गांधी नरेगा को पत्र प्रेषित कर संशोधित मजदूरी दर से मेट को भुगतान करने की हिदायता दी है। उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत नियोजित अकुशल श्रमिकों की मजदूरी दर एक अप्रैल 2019 से दरों में परिवर्तन कर 199 रुपए प्रति दिवस की गई है तथा योजनान्तर्गत नियोजित मेट की मजदूरी दर संशोधित कर 213 रुपए प्रति दिवस की मजदूरी दर से भुगतान किया जाएगा। पूर्व में जिन मेटों को भुगतान किया जा चुका है उन्हें किसी प्रकार ऎरियर देय नहीं होगा। संशोधित मजदूरी दर के आदेश वित्त विभाग से प्राप्त सहमति के आधार पर जारी किये गए है।