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जयपुर

विधायकों ने जिस कलश को माना था ‘कवच’, वह ‘गायब’, फिर ‘बुरे साये’ की चर्चा

नए विधानसभा भवन में कथित वास्तुदोष जनित ‘अनिष्ट’ के निवारण के लिए पिछली भाजपा सरकार ने जो कलश रखवाया था, उसे हटा दिया गया है।

जयपुरDec 03, 2020 / 09:45 am

santosh

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File Photo

अरविन्द सिंह शक्तावत / जयपुर। जब-जब सरकारें बदलती हैं, पुरानी सरकार के फैसलों-कानूनों और स्कूली पाठ्यक्रम को बदलना आम है लेकिन इस बार एक खास ‘बदलाव’ भी सामने आया है। नए विधानसभा भवन में कथित वास्तुदोष जनित ‘अनिष्ट’ के निवारण के लिए पिछली भाजपा सरकार ने जो कलश रखवाया था, उसे हटा दिया गया है। बाकायदा वास्तु विशेषज्ञों को बुलाकर और यन्त्रों के जरिए जांच कराकर यह कलश ‘गुप्त’ स्थान पर रखा गया था। इसे हटाने से अब विधायकों में फिर ‘बुरे साये’ की चर्चाएं चल पड़ी हैं।

यह है कलश की कहानी:
– कुछ तो गड़बड़ है : राज्य में एक-एक कर कई विधायकों की मौत पर कुछ मंत्रियों-विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल के समक्ष मुद्दा उठाया था। इसमें कहा था कि नए विधानसभा भवन में कुछ तो ‘गड़बड़’ है।

– जांच और निवारण कराएं: मंत्रियों-विधायकों का कहना था कि भवन में वास्तुदोष है, जिसे दूर कराएं ताकि विधायकों पर आने वाला संभावित संकट मिटे।

– यंत्रों से हुई जांच-परख: इस मांग के बाद अध्यक्ष मेघवाल के निर्देश पर वास्तु विशेषज्ञ बुलवाए गए। उन्होंने यंत्रों के जरिए पूरे विधानसभा भवन की जांच-परख की। इसके बाद एक कलश मंगवाया गया। यह कई रंगों से रंगा हुआ था।

– ताकि किसी की नजर न पड़े: कलश को सदन में विधानसभा अध्यक्ष के ठीक नीचे बैठने वाले सचिव की टेबल के नीचे बायीं ओर रखवाया गया। इसे इस तरह रखा गया कि कलश पर किसी की नजर न पड़े।

डेढ़ साल तक रहा टेबल के नीचे:
विधानसभा के एक पूर्व अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कलश डेढ़ साल तक सचिव की टेबल के नीचे रखा रहा। नई सरकार के पहले सत्र से ठीक पहले यह कलश हटा दिया गया।

इसलिए विचलित हुआ विधायकों का मन:
– नए विधानसभा भवन की शुरुआत 11 वीं विधानसभा के समय 2001 में हुई। इसके बाद विधायक किशन मोटवानी, जगत सिंह दायमा, भीखाभाई, भीमसेन चौधरी, रामसिंह विश्नोई, अरुण सिंह, नाथूराम अहारी का निधन हो गया।
– तत्कालीन भाजपा सरकार के समय विधायक कल्याण सिंह चौहान, कीर्तिकुमारी, धर्मपाल चौधरी का निधन हो गया।
– वर्तमान कांग्रेस सरकार के समय 2 माह में विधायक कैलाश त्रिवेदी, भंवरलाल मेघवाल और किरण माहेश्वरी का निधन हो चुका है।

200 विधायक होते हैं पूरे, फिर खाली हो जाती है सीट:
पिछली भाजपा सरकार के समय मामला उठा था कि जब भी 200 विधायक पूरे होते हैं, किसी न किसी कारण कोई सीट खाली हो जाती है। विधानसभा भवन में वास्तुदोष का यह मुद्दा कई विधायकों के साथ मैंने भी उठाया था। इसके बाद तत्कालीन अध्यक्ष ने पंडित और वास्तु विशेषज्ञों को बुलाया, वास्तुदोष निवारण के लिए कलश रखवाया था।

– कालूलाल गुर्जर, तत्कालीन सरकारी मुख्य सचेतक, विधानसभा

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