राजेन्द्र राठौड़ ने बुधवार को यहां पत्रकारों से कहा कि चर्चा इस बात की है कि कुचामन और डीडवाना व कोटपूतली और बहरोड़ में से कौन जिला बनेगा ? आज प्रदेश में 7 अलग-अलग शहर बंद हुए है। सुजानगढ़ कस्बा जिले की मांग को लेकर तीन दिन से बंद है। सच तो यह है कि जिस विधायक और मंत्री ने धमकी दी, उसके क्षेत्र को ही जिला बना दिया गया। यह सरकार अपने अंतर्विरोध के कारण विधायक दल की बैठक भी नहीं बुला सकी। पूर्व उप मुख्यमंत्री भी विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग कर रहे हैं।
सरकार अपने पास से जीपीएफ में पैसा डाले
ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर राठौड़ ने कहा कि सीएम कहते हैं कि पूरे देश में ओपीएस स्कीम लागू होनी चाहिए। कर्मचारियों का 42 हजार करोड़ जो फंड में पड़ा है, उसके लिए केंद्र सरकार ने कह दिया है कि रूल के अनुसार रिफंडेबल नहीं है। ऐसे में कर्मचारी पैसा कहां से निकालेगा। इसलिए सरकार को अपने पास से जीपीएफ खातों में पैसा डालना चाहिए।
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चिकित्सकों जैसे प्रबुद्ध वर्ग पर दो बार लाठीचार्ज
राठौड़ ने राइट टू हेल्थ बिल को लेकर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की हड़ताल के चलते प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था चरमराई हुई है। निजी अस्पताल लगातार तीसरे दिन बंद है। मरीजों का जीवन संकट में है। ऐसे में सरकार को आगे बढ़कर डॉक्टर्स से बात कर इसका हल निकालना चाहिए। चिकित्सक जैसे प्रबुद्ध वर्ग पर दो बार लाठीचार्ज करना गलत है।
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अब जिला मुख्यालयों पर होगा जन आक्रोश
प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सरकार के खिलाफ जन आक्रोश अभियान का अब दूसरा पड़ाव शुरू हो गया है। सरकार के खिलाफ जिला मुख्यालयों पर बड़े विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। 27 मार्च को जैसलमेर और प्रतापगढ़ से इसकी शुरुआत होगी।