‘जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आने वाले दिनों में त्योहारों, सर्दी के मौसम और अर्थव्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर वैश्विक महामारी कोविड-19 के खिलाफ बचाव को लेकर ‘जन आंदोलन’ की शुरुआत की है। उन्होंने इसे ‘जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं’ का नारा दिया है।
‘कोरोना से लडऩे के लिए एकजुट हों’ प्रधानमंत्री ने मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘आइए, कोरोना से लडऩे के लिए एकजुट हों! हमेशा याद रखें: मास्क जरूर पहनें। हाथ साफ करते रहें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। दो गज की दूरी रखें।‘ उन्होंने लिखा, ‘ जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं।‘
‘निरंतर जारी रखनी होगी कोरोना से जंग’ प्रधानमंत्री ने एक और ट्वीट में लिखा, ‘देश में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लोगों के जरिए लड़ी जा रही है और हमारे कोरोना योद्धाओं को इससे बहुत ताकत मिलती है। हमारे सामूहिक प्रयासों से कई लोगों की जान बचाने में मदद मिली है। हमें यह लड़ाई निरंतर जारी रखनी होगी और अपने नागरिकों को वायरस से बचाना होगा।‘
2 अक्टूबर से प्रदेश में शुरू हुआ जन आन्दोलन सीएम अशोक गहलोत ने 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती के अवसर कोरोना के खिलाफ जन आंदोलन का आगाज़ किया है। राजधानी जयपुर में अल्बर्ट हॉल से राज्य-स्तरीय आयोजन के माध्यम से इसकी शुरुआत हुई थी। इसके बाद प्रभारी मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में जिलों में मास्क वितरण और समझाइश करने पहुंचे थे।
कोरोना के खिलाफ सरकार के इस जन आंदोलन का नोडल विभाग नगरीय विकास विभाग को बनाया गया है। सरकार के पांच विभाग इसमें सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं। इनमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उच्च व तकनीकी शिक्षा, स्कूल शिक्षा और युवा व खेल विभाग इसमें नगर निकाय विकास विभाग का सहयोग शामिल है। कलक्टर्स को इस जन आन्दोलन का नोडल अधिकारी बनाया गया है। जबकि नगर निगमों के आयुक्त, नगर परिषदों तथा नगर पालिकाओं के अधिशाषी अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी के साथ ही एनएसएस, एनसीसी व स्काउट गाइड के कार्यक्रम अधिकारी उनका सहयोग लिया जा रहा है।
‘लॉकडाउन’ में भी राजस्थान अव्वल वैश्विक बीमारी घोषित होने के बाद कोरोना नियंत्रण की दिशा में राजस्थान देश का सबसे पहला राज्य बना जहां सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू किया गया। गहलोत सरकार ने 22 मार्च से 31 मार्च तक लॉकडाउन का ऐलान किया था। हालांकि, इस दौरान रोजमर्रा की जरूरत वाली सामानों जैसे सब्जी और दूध की दुकानों के साथ-साथ मेडिकल स्टोर खुले रखने की छूट दी गई थी।
इससे पहले कुछ राज्यों ने कुछ शहरों में लॉकडाउन किया है लेकिन राजस्थान इसे पूरे सूबे में लागू करने वाला पहला राज्य बना। वहीं मोदी सरकार ने देश भर में लॉकडाउन का एलान 24 मार्च को किया था।