बैंक ब्रांचों का घटना है वजह : सरकारी बैंकों की शाखाएं कम होना एटीएम बूथों की संख्या घटने की बड़ी वजह है। वर्ष 2018 के शुरुआती 6 महीनों में 5 एसोसिएट बैंकों और एक लोकल बैंक को खरीदने के बाद देशभर में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी 1000 ब्रांच बंद कर दीं। बैंक कर्मचारी नेता महेश मिश्रा का कहना है कि राजस्थान में एसोसिएट बैंकों के मर्जर के बाद सबसे ज्यादा बैंकों की संख्या यहीं घटी है। यहां कुल 100 ब्रांच बंद हुईं। इन सभी में एटीएम इंस्टॉल थे, जिन्हें बंद कर दिया गया। देश में एक लाख की जनसंख्या पर 22 एटीएम हैं लेकिन राजस्थान की स्थिति खराब है। यहां देश के औसत के हिसाब से 15000 से ज्यादा एटीएम होने चाहिए लेकिन 9261 ही रह गए।
निकासी होगी महंगी एटीएम से पैसा निकालना महंगा हो सकता है। एनपीसीआइ ने केंद्र को इसका प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव सरकार ने माना तो प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर लोगों को ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ सकता है। एनपीसीआइ का कहना है कि सरकार ने इंटरचेंज फीस नहीं बढ़ाने की मंजूरी दी तो देशभर में एक लाख से अधिक एटीएम बंद हो जाएंगे। इससे लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ेंगी।
ब्रिक्स देशों में भारत सबसे पीछे देश ———— ———–एटीएम बूथों की संख्या
रूस———— ———–164
ब्राजील———— ——–107
चीन———— ———–81
दक्षिण अफ्रीका———— 68
भारत ———— ———22
(प्रति 1 लाख वयस्क पर एटीएम)
17 रुपए का प्रस्ताव
रूस———— ———–164
ब्राजील———— ——–107
चीन———— ———–81
दक्षिण अफ्रीका———— 68
भारत ———— ———22
(प्रति 1 लाख वयस्क पर एटीएम)
17 रुपए का प्रस्ताव
एटीएम इंटरचेंज फीस पिछले छह साल से नहीं बढ़ी है। यह एटीएम से प्रति ट्रांजेक्शन पर आने वाली लागत से भी कम है। एनपीसीआइ ने यह फीस 15 से बढ़ाकर 17 रुपए करने का प्रस्ताव दिया है। यह फीस एनपीसीआइ की स्टीयरिंग कमेटी तय करती है। कमेटी में एकराय नहीं बनी, एनपीसीआइ ने प्रस्ताव वित्त मंत्रालय भेज दिया है।
एटीएम का इस्तेमाल बढ़ा : 2017 में देश में कुल एटीएम की संख्या 2.23 लाख थी, वह 2019 मार्च तक घटकर 2.22 लाख एटीएम रह गई। वहीं, 2017 में जहां देश में एटीएम का कुल इस्तेमाल 71.06 करोड़ बार हुआ था, वहीं 2019 य संख्या बढ़कर 89.23 करोड़ पहुंच गई।
पिछले पांच साल में ही मोबाइल बैंकिंग ट्रांजेक्शन 65 फीसदी बढ़ा है। एसबीआइ योनो ऐप के जरिए ट्राजेक्शन में भारी
वृद्धि हुई है। रवीन्द्र पांडेय, सीजीएम, राजस्थान सर्कल एसबीआइ