दरअसल एक साल पहले आज ही के दिन अलवर के बहरोड़ थाने में बंद किए गए हरियाणा—दिल्ली के इनामी बदमाश पपला गुर्जर को उसके साथी आधुनिक हथियार चलाते हुए और थाने पर हमला कर छुड़ा ले गए थे। इससे पहले राजस्थान पुलिस के इतिहास में इस तरह की घटना नहीं हुई थी। उसके बाद तो पूरी सरकार ही हरकत में आ गई। अफसरों ने कई दिनों तक बहरोड़ में डेरा डाला। अलवर में दो एसपी लगा दिए गए। थाने क स्टाफ पर कार्रवाई हुई। राजस्थान पुलिस के अफसरों ने इसे चैलेज के रुप में लिया और हरियाणा एवं दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर उसके कई साथियों को दबोच भी लिया। लेकिन अब उसकी तलाश का काम कुछ धीमा पड गया है। कुछ दिन पहले अलवर की भिवाड़ी पुलिस पपला गुर्जर के पिता को हत्या के किसी मामले में पूछताछ के लिए हरियाणा से अलवर लाई थी। उस समय भी पपला के बारे में जानकाीर जुटाने की कोशिश की गई लेकिन वह नहीं मिला। हत्या का आरोप पपला की गैंग पर लग रहा था।