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जयपुर

शुभांगना की मौत का मामला: मरने पर उकसाने वाले पति को जेल में वीआईपी सुविधाएं!

100 करोड़ रुपए की मालकिन शुभांगना की मौत की गुत्थी को सुलझाने में पहले पुलिस ने लंबा समय निकाल दिया।

जयपुरNov 10, 2017 / 11:33 am

Santosh Trivedi

shubhangana
जयपुर। 100 करोड़ रुपए की मालकिन शुभांगना की मौत की गुत्थी को सुलझाने में पहले पुलिस ने लंबा समय निकाल दिया। आखिरकार पुलिस ने बाद में मामला आत्महत्या का माना और शुभांगना के पति को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार कर लिया। हाईप्रोफाइल मामले में से जुड़े आरोपित राजकुमार सावलानी को जेल में पहुंचते ही वीआईपी सुविधाएं उपलब्ध हो गईं। जेल सूत्रों की मानें तो जेल में पहुंचते ही राजकुमार को वीआईपी बैरक दी गई, जिसमें पांच छह बंदी ही रखे जाते हैं। उसमें अटैच लेटबाथ भी होता है। सूत्रों का कहना है कि राजकुमार जिस बैरक में है, अभी उसमें सिंडीकेट बैंक घोटाले के मामले में गिरफ्तार मैनेजर संतोष हेकड़े भी है।
जितना वीआईपी बंदी, उतनी वीआईपी बैरक
जेल सूत्रों के मुताबिक, जेल में जितना वीआईपी बंदी पहुंचता है, बैरक भी उतनी वीआईपी होती है। सिंडीकेट बैंक घोटाले का मैनेजर वीआईपी बैरक में है, जबकि घोटाले के मास्टर माइंड भरत बंब और साथी विपुल कोशिक को वीवीआईपी बैरक में रखा गया है।
आईपीएस और आईएएस ने निकाला अस्पताल में समय
जेल डिस्पेंसरी कर्मियों की मानें तो भ्रष्टाचार, घोटाले और एनकाउंटर के संबंध में बंद दो आईएएस व दो आईपीएस ने जेल बैरक की बजाए डिस्पेंसरी में बने विशेष कमरों में दिन गुजारे। सूत्र बताते हैं कि एक ने तो साढ़े पांच साल अस्पताल में निकाल दिए, जबकि किसी ने छह माह तो किसी ने 8 माह जेल डिस्पेंसरी में निकाले। डिस्पेंसरी में कई बंदियों के लिए एक-एक कमरे साथ में लेथबाथ अटैच है। इन बैरक में अन्य किसी बंदी के आने-जाने पर पाबंदी होती है। चुनिंदा बंदी ही इनमें रह सकते हैं।
यह हैं नियम
जेल में आने वाले नए बंदी को बैरक नंबर 13 में रखा जाता है। लेकिन वीआईपी बंदी को 13 में रखने की बजाए अन्य बैरक में रख दिया जाता है। जेल सूत्रों के मुताबिक, जेल में अभी 11 की एक बैरक वीवीआईपी है, जबकि 6 की 2 बैरक को वीआईपी बनाया हुआ है। इसके अलावा 12 नंबर वार्ड भी वीआईपी बंदियों के लिए है। जेल सूत्रों के मुताबिक ही, जेल में आने वाले बंदियों को अल्फाबेटिक नाम के आधार पर बैरक में रखा जाता है।
बंदी राजकुमार को किस बैरक में रखा गया है, इसकी जानकारी की जाएगी। अभी पता नहीं उसे किस बैरक में रखा गया है।
-नरेन्द्र स्वामी, जेलर, जयपुर जेल

मेरी बेटी की मौत के लिए जिम्मेदार आरोपित पति को जेल में वीआईपी सुविधाएं दी जा रही हैं। इसकी जानकारी मुझे आज ही मिली है। यह कानून व्यवस्था पर बड़ा प्रश्रचिह्न है। इसकी सरकार को शिकायत करेंगे।
-प्रेम सुराणा, शुभांगना के पिता
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