तस्करों से पूछताछ में सामने आया कि कोकीन पार्सल के माध्यम से सीधे घरों में पहुंच रहा है। अन्य नशीली दवाएं भी कॉस्मेटिक, बर्तन, किताबें, खाद्य सामग्री, कपड़ों आदि के बीच में छुपाकर पहुंचाई जा रही हैं।
ऐसे हुआ खुलासा
अप्रैल 2017 को एनसीबी बैंगलोर जोनल यूनिट ने एक स्थान पर कार्रवाई कर ऑनलाइन फार्मेसी का खुलासा किया। यूनिट ने मौके से कई मादक दवाएं और उपकरण के साथ 4 लोगों को गिरफ्तार किया। इसी तरह अक्टूबर 2017 में एनसीबी लखनऊ ने 11 लोगों को गिरफ्तार कर सैंकड़ों गोलियां बरामद की। तस्करों ने ये दवाएं डार्क नेट वेबसाइट से खरीदना बताया। सप्लाइ दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में होनी थी।
अप्रैल 2017 को एनसीबी बैंगलोर जोनल यूनिट ने एक स्थान पर कार्रवाई कर ऑनलाइन फार्मेसी का खुलासा किया। यूनिट ने मौके से कई मादक दवाएं और उपकरण के साथ 4 लोगों को गिरफ्तार किया। इसी तरह अक्टूबर 2017 में एनसीबी लखनऊ ने 11 लोगों को गिरफ्तार कर सैंकड़ों गोलियां बरामद की। तस्करों ने ये दवाएं डार्क नेट वेबसाइट से खरीदना बताया। सप्लाइ दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में होनी थी।
बिटकॉइन व डार्क नेट से भी खरीदारी
एनसीबी सूत्रों के अनुसार पिछले 2 साल में इंटरनेट खासकर डार्क नेट और भारत में प्रतिबंधित बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी के जरिए मादक पदार्थों की खरीद हो रही है। ऐसे में बेचने-खरीदने वाले का पता कर पाना मुश्किल हो रहा है। इसमें अवैध मुद्रा का भारतीय रुपए या अमेरिकी डॉलर के साथ विनिमय हो सकता है। मादक पदार्थों के खरीदार और विक्रेता विशेष सर्च इंजन दि ओनियन राउटर के जरिए यहां तक पहुंचते हैं।
एनसीबी सूत्रों के अनुसार पिछले 2 साल में इंटरनेट खासकर डार्क नेट और भारत में प्रतिबंधित बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी के जरिए मादक पदार्थों की खरीद हो रही है। ऐसे में बेचने-खरीदने वाले का पता कर पाना मुश्किल हो रहा है। इसमें अवैध मुद्रा का भारतीय रुपए या अमेरिकी डॉलर के साथ विनिमय हो सकता है। मादक पदार्थों के खरीदार और विक्रेता विशेष सर्च इंजन दि ओनियन राउटर के जरिए यहां तक पहुंचते हैं।
बढ़ रहा जाल
– जुलाई 2017: तेलगांना के आबकारी निरोधक विभाग ने 12 मामले दर्ज कर 3 विदेशियों सहित 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया। एलएसडी ब्लोट, एमडीएमए, हशीश, गांजा और एक्टेसी जब्त की। यह ड्रग्स डार्क वेब के माध्यम से खरीदी गई थी।
– अक्टूबर 2017: नारकोटिक्स सेल क्राइम ब्रांच दिल्ली ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर 100 पिल्स (42 ग्राम) एक्स्टसी ऑफ एमडीएम पकड़ी। यह ड्रग्स डार्क नेट वेबसाइट के माध्यम से खरीदी गई थी। यह दिल्ली और एनसीआर में सप्लाइ होनी थी।
– जुलाई 2017: तेलगांना के आबकारी निरोधक विभाग ने 12 मामले दर्ज कर 3 विदेशियों सहित 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया। एलएसडी ब्लोट, एमडीएमए, हशीश, गांजा और एक्टेसी जब्त की। यह ड्रग्स डार्क वेब के माध्यम से खरीदी गई थी।
– अक्टूबर 2017: नारकोटिक्स सेल क्राइम ब्रांच दिल्ली ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर 100 पिल्स (42 ग्राम) एक्स्टसी ऑफ एमडीएम पकड़ी। यह ड्रग्स डार्क नेट वेबसाइट के माध्यम से खरीदी गई थी। यह दिल्ली और एनसीआर में सप्लाइ होनी थी।
गिरफ्त में आ रहे युवा
एनसीबी सूत्रों के अनुसार अफीम-गांजा की खपत मारवाड़ में ज्यादा है। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, कोटा आदि शहरों में अनेक युवा नशीली दवाओं की गिरफ्त में आ रहे हैं।
यह है स्थिति
इस साल जनवरी से जून तक एनसीबी जोधपुर व अजमेर ने 189.708 किलो अफीम, 4326.860 किलो पोपी स्ट्रा, 115.750 किलो गांजा जब्त कर 20 तस्करों को गिरफ्तार किया। वर्ष 2017 में कुल 2551 किलो अफीम, 449 मॉर्फिन जब्त की गई। इस दौरान 2146 किलो हेरोइन, 352521 किलो गांजा, 69 किलो कोकीन और 3218 हशीश जब्त किया गया।
ऑनलाइन फार्मेसी व कोरियर से मादक पदार्थों की तस्करी नई चुनौती बन गई है। इसे तोडऩे का प्रयास किया जा रहा है।
– विजयेन्द्र सिंह, जोनल डायरेक्टर, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, जोधपुर