दरअसल, रविवार को कुछ अभ्यर्थियों के परिजनों ने प्रक्रिया में अपने लोगों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था और काउंसलिंग पर सवाल भी उठाए थे। इस संबंध में नाराज़ अभिभावक अपने बच्चों के साथ डिप्टी सीएम सचिन पायलट से मिलने उनके निवास पर पहुंचे। नीट प्रवेश काउंसलिंग प्रक्रिया में 705 सीट पर काउंसलिंग चल रही है। मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस प्रवेश प्रकिया का तीसरा राउंड एसएमएम मेडिकल कॉलेज में जारी है।
प्रक्रिया का पहला दिन 11 अगस्त 2019 को पूरा हो चुका है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि अजा/जजा/ओबीसी की रिक्त सीटों को डिस्प्ले नहीं किया गया और न ही वर्गवार वरीयता सूची बनाई गई। इसमें केवल एकमात्र वरीयता सूची बनाकर सभी रिक्त सीटों को सामान्य वर्ग से भर दिया गया है। इसमें आरक्षण सम्पूर्ण रूप से हटा दिया गया। इससे आरक्षित वर्ग के चिकित्सक बनने का सपना चूर हो गया।
अंबेडकर अनुसूचित जाति अधिकारी-कर्मचारी एसोसिएशन राजस्थान के प्रतिनिधि मंडल ने नीट में आरक्षित वर्ग के चयनित छात्रों को रविवार को हुई मेडिकल काउंसलिंग में प्रवेश न देकर अनारक्षित वर्ग के छात्रों को प्रवेश देने को लेकर सीएम के विशिष्ट सचिव से मिलकर अपना विरोध दर्ज कराया है। इसके बाद सचिव ललित कुमार ने उच्च चिकित्सा शिक्षा सचिव हेमंत गोरा को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।