राज्य की मुख्यमंत्री
वसुंधरा राजे ने इस साल अपने बजट में झुंझुनू स्थित वॉलीबॉल खेल अकादमी के भवन निर्माण के लिए 2 करोड़ रुपए खर्च करने की घोषणा की थी। बावजूद इसके इस मामले में अब भवन बनना तो दूर की बात है, यहां वॉलीबॉल खेल अकादमी के भवन निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रियां भी शुरू नहीं हो पाई है।
उधर खेल अकादमी की स्थापना से ही यहां के सभी खिलाड़ी स्वर्ण जयंती स्टेडियम की सीढ़ियों के नीचे बने कमरों में ही रहते आ रहे हैं। जबकि खेल अकादमी में राज्य सरकार हर साल खिलाड़ियों की संख्या में तो इजाफा कर रही है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर स्थिति जस की तस बनी हुई है। ऐसे में यहां प्रशिक्षण लेने वाले युवा खिलाड़ियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
वॉलीबॉल अकादमी की स्थापाना के बाद शुरुआती दिनों में यहां खिलाड़ियों की संख्या 10 थी और पिछले साल खिलाड़ियों की संख्या बढ़कर 17 हो गई थी, और साल 2017 में अकादमी में कुल खिलाड़ियों की संख्या 24 हो गई है। जो कि बिना भवन के रहकर यहां प्रशिक्षण ले रहे हैं। गौरतलब है कि इस अकादमी में प्रवेश लेने के लिए
जयपुर में राजस्थान राज्य क्रिड़ा परिषद में साल में एक बार खिलाडिय़ों की ट्रायल ली जाती है। इस ट्रायल के बाद ही योग्य खिलाड़ियों को यहां प्रवेश को मौका मिलता है।
तो वहीं कक्षा 9 से 12 तक पढ़ने वाले 17 से 19 आयु वर्ग के खिलाड़ियों को ही प्रवेश दिया जाता है। मामले को लेकर राजस्थान राज्य खेल परिषद के सचिव नारायण सिंह का कहना है कि अकादमी के निर्माण को लेकर शीघ्र ही टेंडर जारी किए जाएगें और टेंडर जारी होने के बाद शीघ्र ही भवन का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।