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जयपुर

अब मरीजों को हर्पीस के टेस्ट करवाने के लिए नहीं भटकना पड़ेगा

– अस्पताल में शुरू हुए टेस्ट
– राजस्थान पत्रिका की खबर के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया

जयपुरDec 15, 2019 / 01:11 am

manoj sharma

अब मरीजों को हर्पीस के टेस्ट करवाने के लिए नहीं भटकना पड़ेगा

अब मरीजों को हर्पीस के टेस्ट करवाने के लिए नहीं भटकना पड़ेगा

जयपुर. सवाई मानसिंह अस्पताल में कम्प्लीट टॉर्च प्रोफाइल टेस्ट में शामिल दो पैरामीटर हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस आइजीजी और आइजीएम की जांच शुरू हो गई है। पिछले चार महीने से नहीं हो रही इन जांचों का खुलासा राजस्थान पत्रिका ने तीन नवम्बर के अंक में ‘नहीं हो रही पूरी जांच, फिर भी मरीजों से वसूल रहे हैं पैसाÓ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर किया था। खबर में प्रकाशित किया गया था कि माइक्रोबायोलॉजी लैब में कम्प्लीट टॉर्च प्रोफाइल में टोक्सोप्लाज्मा आइजीएम आइजीजी, रूबेला, साइटोमेगलो वायरस आइजीएम आइजीजी और हर्पीस सिम्पलेक्स आइजीजी और आइजीएम इन पैरामीटर्स की जांचें होती है। लेकिन चार महीने से हर्पीस के टेस्ट नहीं हो रहे हैं और मरीजों से 1400 रुपए वसूले जा रहे हैं। नतीजन हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस आइजीजी और आइजीएम की रिपोर्ट ही नहीं आती। खबर के प्रकाशित होने के बाद अस्पताल प्रशासन ने हर्पीस के टेस्ट मरीजों के लिए निशुल्क कर दिए थे लेकिन जांच ही नहीं हो रही थी। अस्पताल प्रशासन का कहना था कि जांच के लिए किट बाहर से आता है और जिस कंपनी को लाइसेंस दे रखा है उसका लाइसेंस ही रिन्यू नहीं हो पा रहा है। अब हर्पीस के टेस्ट शुरू हो गए हैं। अस्पताल में जांच के लिए किट मंगवा लिया गया है और मरीजों को बाहर निजी लैब में टेस्ट नहीं करवाने पड़ेंगे। दरअसल यह एक सामान्य रक्त परीक्षण है जो गर्भवती महिलाओं या नवजात शिशुओं में संक्रमण की स्थिति का पता लगाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। साथ ही जिन महिलाओं को बार-बार गर्भपात हो जाता हो उनको भी टॉर्च टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है।
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इनका कहना है
-जांच के लिए किट आ चुका है। मरीजों के हर्पीस के टेस्ट अस्पताल में शुरू हो गए हैं।
– डॉ. नित्या व्यास, हैड, माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट
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