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जयपुर

ओपन बिल स्टॉर्क ने बनाया केवलादेव को ठिकाना

केवलादेव आए मानसून दूतपार्क के डी ब्लॉक में आए 150 परिंदेबारिश आने के ***** हैं ओपन बिल स्टॉर्क

जयपुरJun 22, 2020 / 04:06 pm

Rakhi Hajela

ओपन बिल स्टॉर्क ने बनाया केवलादेव को ठिकाना

ओपन बिल स्टॉर्क ने बनाया केवलादेव को ठिकाना

प्रदेश में मानसून के आने में अब कुछ ही समय शेष रह गया हैए वहीं मानसून आने की सूचना लेकर आने वाले प्रवासी पक्षी ओपन बिल स्टॉर्क पक्षियों ने केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में दस्तक दे दी है। जानकारी के मुताबिक लगभग 150 ओपन बिल स्टार्क दक्षिण भारत के कई इलाकों यहां आए हैं और नेशनल पार्क के डी ब्लॉक में अपना ठिकाना बनाया है। इनके आने से संकेत मिल जाते हैं कि अब गर्मी से छुटकारा मिलने वाला है और मानसून आ रहा है। जानकारी के मुताबिक हर साल यह मई में यहां आ जाते थे लेकिन इस बार जून में यह यहां आए हैं।
झीलों में मिलता है भोजन
केवलादेव के पूर्व रेंजर और पक्षी विशेषज्ञ अबरार खान भोलू के मुताबिक ओपन बिल स्टॉर्क मानसून के आगे आगे चलते हैं और उनके आने के कुछ दिनों बाद ही मानसून की शुरुआत हो जाती है। केवलादेव पक्षी विहार में इन परिंदों को उनका पसंदीदा भोजन पार्क की छिछली झीलों में मिलता है और यही वजह है कि हजारों किलोमीटर का सफर तय कर ओपन बिल स्टॉर्क केवलादेव नेशनल पार्क में पहुंचते हैं। ये जल्द अपने लिए घोंसले बनाने शुरू कर देंगे। आपको बता दें कि दक्षिण भारत के कई इलाकों से हर साल ओपन बिल स्टोर्क परिंदे सबसे पहले नेशनल पार्क में आते हैं।
माना जाता है बारिश का *****
आपको यह भी बता दें कि लंबी और आकर्षक चोंच वाले ये पक्षी बारिश शुरू होने के बाद नजर आते हैं। प्रजनन के बाद अक्टूबर में अपने मूल स्थान पर चले जाते हैं। इनका प्रजननकाल जुलाई से सितंबर है। इस दौरान यह समूह में पेड़ों में घोंसले बनाकर रहते हैं। अक्टूबर के बाद यह तालाब के किनारे या सूनी जगहों पर अलग थलग रहते हैंए इसलिए इनकी मौजूदगी लोगों की नजरों में कम ही आती है।
पाई जाती हैं 20 प्रजातियां
आपको बता दें कि घोंघिल भारत उपमहाद्वीप के साथण्साथ दक्षिण पूर्व एशिया के चीनए आस्ट्रेलियाए कंबोडियाए थाईलैंडए वियतनामए इंडोनेशियाए म्यंमारए मलेशियाए फिलिंपीस और सिंगापुर में पाए जाते हैं। इनकी 20 प्रजातियां पाई जाती हैं। ये बारिश के कुछ पहले पहुंचते हैंए इसलिए किसान इन्हें बारिश का ***** मानते हैं। इसकी चोंच बीच से खुली होने के कारण ही इसे ओपन बिल भी कहा जाता है। इस पक्षी का रंग सलेटी सफेद होता है तथा इसकी पूंछ चमकीले काले रंग की होती है। ये पक्षी आमतौर पर जोड़े या छोटे समूह में ही रहते हैं। यह पक्षी भारत में काफी संख्या में पाया जाता है। यह पक्षी भोजन की तलाश में स्थानीय प्रवास भी करते हैं। यह एक पानी का मांसाहारी पक्षी है। जिसे हर वर्ष अच्छी बरसात की जरूरत होती है। इस पक्षी के प्रजनन का समय जून से दिसंबर तक होता है। इस दौरान मादा पक्षी को आकर्षित करने के लिए नर पक्षी मादा पक्षी को घोंसला बनाने की जगह व घोंसला बनाने की क्षमता प्रदर्शित करता है। जब यह पक्षी घोंसला बनाते हैं तो नर पक्षी घोंसले के लिए जरूरी सामान एकत्रित करता है तथा मादा पक्षी उसे पेड़ पर जंचाकर घोंसला बनाती है। इन पक्षियों के घोंसले पानी के बीच में उगे पेड़ अथवा जलाशयों के आसपास खड़े पेड़ों में होते हैं। यह पक्षी एक पेड़ पर कई घोंसले बनाते हैं। राखी हजेला की रिपोर्ट

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