scriptसहकारिता विभाग में भर्ती के नाम पर खुलेआम गड़बड़ी, बैक डेट में प्रस्ताव, ऑडिट रिपोर्ट में जालसाजी व फर्जी मार्कशीट से हो रही भर्ती | Open irregularities in the name of recruitment in the cooperative department, proposals on back date, fraud in audit reports and recruitment is being done with fake mark sheets | Patrika News
जयपुर

सहकारिता विभाग में भर्ती के नाम पर खुलेआम गड़बड़ी, बैक डेट में प्रस्ताव, ऑडिट रिपोर्ट में जालसाजी व फर्जी मार्कशीट से हो रही भर्ती

तीन तरह की जालसाजी राजस्थान के लगभग सभी जिलों में हुई। जिसे भर्ती करना था उसे लंबे समय से संविदा पर दिखाने के लिए बैक डेट में प्रस्ताव लिए गए। इसे साबित करने के लिए फर्जी ऑडिट तैयार की गई। नीचे पढ़ें पूरी खबर।

जयपुरApr 23, 2024 / 11:05 am

Supriya Rani

fake degree

जयपुर. ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जीएसएस) में वर्ष 2022-23 में हुई व्यवस्थापकों की स्क्रीनिंग (नियमित करने की प्रक्रिया) में खुलेआम गड़बडिय़ां हुई थीं। इनमें तीन तरह की जालसाजी लगभग सभी जिलों में हुई। जिसे भर्ती करना था उसे लबे समय से संविदा पर दिखाने के लिए बैक डेट में प्रस्ताव लिए गए। इसे साबित करने के लिए फर्जी ऑडिट तैयार की गई। यह दोनों जालसाजी उनके लिए की गई, जिनके पास न अनुभव था न ही पात्र शैक्षणिक योग्यता। ऐसे में आशंका है कि कई चयनित व्यवस्थापकों ने फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज पेश किए हैं। यह अंदेशा इस बात से लगाया जा सकता है कि स्कूली शैक्षणिक योग्यता में भी दूसरे राज्यों के दस्तावेज पेश किए गए हैं।

ऐसे हो रही थी खुलेआम गड़बड़ी

सहकारिता विभाग ने 28 जुलाई 2022 को जीएसएस में संविदा पर लगे सहायक व्यवस्थापकों को नियमित करने के लिए स्क्रीनिंग के आदेश दिए थे। इसमें तय किया था कि, वर्ष 2017 से पहले कार्यरत सहायक व्यवस्थापक ही पात्र होंगे। बैकडेट में प्रस्ताव लेकर कई इच्छुक आवेदकों को वर्ष 2017 के पहले से संविदा पर तैनात बताया गया। इसके लिए समिति की बैठक की कार्यवाही दर्ज करने के लिए नए रजिस्टर बनाए गए। 10 जुलाई 2017 से पहले जिसे समिति में नियुक्त बताने के लिए फर्जी प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया, वास्तव में वह नियुक्त था या नहीं, इसका मिलान समिति की कैश बुक से किया जा सकता है। वह नियुक्त होगा तो उसे वेतन भुगतान भी समिति के द्वारा किया गया होगा। समिति से भुगतान किस-किस कार्मिक को किया गया है, यह प्रत्येक वर्ष की ऑडिट रिपोर्ट में भी लिखा हुआ होता है।

जीएसएस पर कार्यरत बताया

इसी तरह फर्जी तरीक से तैयार किए गए संविदाकर्मियों की एंट्री के लिए फर्जी ऑडिट तैयार की गई। इसमें इच्छुक अभ्यर्थी को जीएसएस पर कार्यरत बताया गया। जांच होने की स्थिति में यह गड़बड़ी आसानी से पकड़ी जा सकती है। दरअसल, जीएसएस की हर साल ऑडिट होती है। यह ऑडिट रिपोर्ट जीएसएस के साथ सीसीबी (केंद्रीय सहकारी बैंक) व संबंधित बैंक शाखा में रहती है। भर्ती के लिए गठित कमेटी के समक्ष पेश की गई आडिट और बैंक में जमा ऑडिट का मिलान करने से दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है। स्क्रीनिंग के लिए आवश्यक एक शर्त यह भी थी कि वह संबंधित समिति का स्वतंत्रता चार्ज धारक होना चाहिए। समिति के खातों में बैंक से लेनदेन के लिए अधिकृत भी होना चाहिए। इसके बावजूद नई सरकार भी इस मामले में पड़ताल जैसा कदम नहीं उठा रही है।

Home / Jaipur / सहकारिता विभाग में भर्ती के नाम पर खुलेआम गड़बड़ी, बैक डेट में प्रस्ताव, ऑडिट रिपोर्ट में जालसाजी व फर्जी मार्कशीट से हो रही भर्ती

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो