पूर्णिमा पर खासतौर पर चंद्रमा की पूजा जरूर करनी चाहिए। गंभीर बीमारियों से ग्रसित रोगियों को इस दिन संभव हो तो अपनी औषधियों को चंद्रमा की रोशनी में रखकर अगले दिन सुबह इनका सेवन करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से औषधियां और प्रभावकारी होती हैं और उनका असर तेज होता है। इस दिन व्रत रखकर सुबह सूर्य को अर्घ्य दें और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर उनकी पूजा कर व्रत का पारण करें।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार पौष पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा बहुत फलदायी होती है। दरअसल इस दिन चंद्रमा का प्रभाव बढ़ जाता है क्योंकि यह स्वराशि कर्क में रहता है। सूर्य के उत्तरायण होने के बाद की यह पहली पूर्णिमा होती है। खास बात यह है कि इस दिन चंद्रमा को अर्पित किया गया अर्घ्य पितरों को पहुंचकर उन्हें तृप्त करता है। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में आनेवाले अवरोध खत्म होते हैं।