पवन ने बताया कि वह वैष्णो देवी के दर्शन करके आए ही थे। लगभग सात किलोमीटर आए थे। बस में बैठे थे और सभी लोग माता के जयकारे लगा रहे थे। तभी चलती हुई बस के सामने अचानक दो गाड़ियां आकर रूकी। जिसमें बैठे आतंकियों ने पहले बस के टायरों पर गोलियां मारी। बस में बैठे लोगों को लगा कि पटाखे चल रहे होंगे। लेकिन जब फायरिंग ज्यादा होने लगी तो लोगों ने खिड़की से बाहर देखना शुरू किया। इस पर आतंकियों ने लोगों को गोलियां मारना शुरू कर दिया। आतंकियों ने चलती बस में ड्राइवर को गोली मार दी। ड्राइवर मर गया, बस अनकंट्रोल हो गई और खाई में गिर गई।
लेकिन आतंकी तब भी नहीं रूके और फायर करते रहे। आतंकियों ने करीब तीस—चालीस राउंड फायर किए। यानी की बस जब खाई में गिर गई तब भी बदमाश उपर से फायर करते रहे। लोगों को मारते रहे। उन्हें कोई रहम नहीं आई।
राजेंद्र सैनी पवन सैनी के चाचा ससुर लगते है। राजेंद्र सैनी और उनकी पत्नी ममता की मौके पर ही मौत हो गई थी। सभी घायलों को मिलट्री अस्पताल ले जाया गया था। बाद में दूसरे अस्पताल में ले जाया गया। जहां पर रात में पवन की पत्नी पूजा व बेटे लिवांश ने दम तोड़ दिया।
राजेंद्र के कपड़े का काम, पवन चलाता है ई मित्र… चौमूं निवासी राजेंद्र सैनी के कपड़े का काम है। वहीं जयपुर में दादी का फाटक पर रहने वाले पवन सैनी का ई मित्र का काम है। राजेंद्र के एक बेटी व दो बेटे है। पवन की तीन साल पहले ही शादी हुई थी। अब दोनों परिवारों का रो रोकर बुरा हाल है। जम्मू कश्मीर से शवों को लाने के लिए सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे है।