scriptPetrol and diesel: पेट्रोल-डीजल 16वें दिन भी महंगा, पट्रोल 35 पैसे और डीजल 57 पैसे तेज | Petrol and diesel costlier on 16th day, Petrol 35 paise and diesel 57 | Patrika News
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Petrol and diesel: पेट्रोल-डीजल 16वें दिन भी महंगा, पट्रोल 35 पैसे और डीजल 57 पैसे तेज

पेट्रोल-डीजल के दामों ( Petrol and diesel prices ) में लगातार 16वें दिन भी तेजी बनी रही। ( Petrol Price Today ) सोमवार को भी पट्रोल 35 पैसे और डीजल 57 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया। 7 जून से अब तक पेट्रोल के भाव 8.86 ( HPCL, BPCL, IOC ) और डीजल के भाव 9.34 रुपए प्रति लीटर तक चढ़ चुके है। (Petrol, diesel prices hiked for 16th day in a row) सोमवार को पेट्रोल के दाम 35 पैसे चढ़कर 86.65 रुपए और डीजल के भाव 57 पैसे की तेजी के साथ 79.67 रुपए प्रति लीटर पहुंच गए। रविवार को पेट्रोल के दाम 38 पैसे चढ़कर 8

जयपुरJun 22, 2020 / 10:17 am

Narendra Singh Solanki

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जयपुर। पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार 16वें दिन भी तेजी बनी रही। सोमवार को भी पट्रोल 35 पैसे और डीजल 57 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया। 7 जून से अब तक पेट्रोल के भाव 8.86 और डीजल के भाव 9.34 रुपए प्रति लीटर तक चढ़ चुके है। सोमवार को पेट्रोल के दाम 35 पैसे चढ़कर 86.65 रुपए और डीजल के भाव 57 पैसे की तेजी के साथ 79.67 रुपए प्रति लीटर पहुंच गए। रविवार को पेट्रोल के दाम 38 पैसे चढ़कर 86.30 रुपए और डीजल के भाव 59 पैसे की तेजी के साथ 79.10 रुपए प्रति लीटर बोले गए थे।
कोरोना काल में जहां आम आदमी महंगाई और आमदनी में कटौती जैसी समस्या से जूझ रह है, वहीं पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का झटका भी सह रहा है। पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी सात जून से लगातार ही हो रही है, इससे पहले कीमतें स्थिर बनी हुई थी। सात जून से सरकारी तेल कंपनियों ने ईंधन की कीमतों में किए जाने वाले रोजाना बदलाव को दोबारा शुरू कर दिया।
85 फीसदी कच्चा तेल बाहर से आता है
भारत में पेट्रोलियम पदार्थों की मांग भले ही तेजी से बढ़ी हों, लेकिन उत्पादन पर्याप्त नहीं है। ऐसे में हमें अपनी आवश्यकता का करीब 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करना पड़ता है। जाहिर है कि यदि विदेशी बाजार में यह महंगा होता तो घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल महंगा होगा और कच्चा तेल सस्ता होगा तो पेट्रोलियम उत्पाद सस्ता होता है तो यह सस्ता होगा।
तेल के खेल में सरकार का बड़ा हाथ
पिछली बार साल 2014 से 2016 के बीच कच्चे तेल के दाम तेजी से गिर रहे थे तो सरकार इसका फायदा आम लोगों को देने के बजाय एक्साइज ड्यूटी के रूप में अपनी आमदनी बढ़ाती रही। नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच केंद्र सरकार ने 9 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाया और केवल एक बार राहत दी। ऐसा करके साल 2014-15 और 2018-19 के बीच केंद्र सरकार ने तेल पर टैक्स के जरिए 10 लाख करोड़ रुपए कमाए। वहीं राज्य सरकारें भी इस बहती गंगा में हाथ धोने से नहीं चूकीं। पेट्रोल-डीजल पर वैट ने उन्हें मालामाल कर दिया। साल 2014-15 में जहां वैट के रूप में 1.3 लाख करोड़ रुपए मिले तो वहीं 2017-18 में यह बढ़कर 1.8 लाख करोड़ रुपए हो गया। इस बार जब कोरोनावायरस की वजह से कीमतें घटनी शुरू हुई तो केंद्र सरकार ने इस पर टैक्स बढ़ा दिया। इसी राह पर राज्य सरकारें भी चलीं और उन्होंने भी वैट बढ़ा दिया।
7 जून से लगातार बढ़ रही कीमत
कोरोना संक्रमण सामने आने और लॉकडाउन के कारण सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने 16 मार्च से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रोजाना आधार पर होने वाले बदलाव को बंद कर दिया था। 7 जून को कंपनियों ने पहली बार देश में एक साथ पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की थी। यह बढ़ोतरी करीब 80 दिन बाद की गई थी।
प्रति दिन छह बजे बदलती है कीमत
बता दें कि प्रति दिन सुबह छह बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। सुबह छह बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में कीमत में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोडऩे के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है।
जानिए आपके शहर में कितना है दाम
पेट्रोल-डीजल की कीमत आप एसएमएस के जरिए जान सकते हैं। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, आपको आरएसपी और अपने शहर का कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर भेजना होगा। हर शहर का कोड अलग-अलग है, जो आपको आईओसीएल की वेबसाइट से मिल जाएगा।

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