सराफ ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की दरों में लगातार कमी हो रही है। इसके बावजूद राजस्थान में पेट्रोल— डीजल पर सबसे अधिक वैट दरें असहनीय होती जा रही है। 19 सितंबर 2020 से डीजल पर करीबन 2.05 रुपए कम हुए हैं। इससे लगता है नवम्बर माह मे पेट्रोल डीजल के दाम मई से पूर्व के दामो के बराबर आ जाऐंगे, लेकिन सरकार को सिर्फ कमाई से मतलब है और दुर्भाग्य है कि कांग्रेस सरकार ने 6 जुलाई 19 से अब तक पेट्रोल डीजल पर चार बार वैट दरों में वृद्धि की गई, जिसमें डीजल पर 22 से 28 प्रतिशत की वृद्धि और पेट्रोल पर 30 से 38 प्रतिशत की वृद्धि की गई। इसके अतिरिक्त डीजल पर 1.75 और पेट्रोल पर एक रुपए सेस प्रति लीटर के हिसाब से भी वसूला जा रहा है। सराफ ने कहा कि कांग्रेस केवल भाजपानीत केन्द्र सरकार को आरोपित करने का काम करती है, जबकि उसका ध्यान जनता को ज्यादा से ज्यादा फायदा देने पर होना चाहिए।
हरियाणा-पंजाब से सीख ले सरकार सराफ ने कहा कि राजस्थान सरकार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से सीख लेनी चाहिए। जहां वैट हमारे मुकाबले बहुत कम है। इन चारों राज्यों में पेट्रोल पर वैट 26 से 30 प्रतिशत तक है और डीजल पर वैट 15 से 17 प्रतिशत तक है।