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जयपुर

जलदाय विभाग में इंजीनियरों का फोकस ठेके—टेंडरों पर, पानी के 80 करोड़ के बकाया बिल पानी में

वसूली के लिए अभियान चलता है लेकिन कुछ दिन बाद ही सुस्तबकाया राशि मिले तो शहर की पेयजल परियोजनाओं के लिए उपलबध हो बजटबकाया बिलों की वसूली के लिए मजबूत हथियार वाटर एक्ट का ड्राफ्ट पांच वर्ष से घूम रहा है अफसरों की टेबल प

जयपुरNov 23, 2021 / 08:19 am

PUNEET SHARMA

Water bills will not be delayed

पानी के बिलों में नहीं लगेगा विलम्ब शुल्क


पुनीत शर्मा
जयपुर।
जयपुर शहर में जलदाय विभाग के इंजीनियरों की रूचि सिर्फ ठेके और टेंडर जारी करने में ही ज्यादा रहती है। भले ही वर्षों से पानी के बकाया बिलों की करोड़ों रुपए से ज्यादा की राशि पानी में ही बह जाए। अभी हालात ऐसे हैं कि जयपुर शहर में उत्तर और दक्षिण के पेयजल उपभोक्ताओं पर पानी के बिलों की 80 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि बकाया चल रही है। लेकिन इस वसूली को लेकर इंजीनियर कभी भी ज्यादा सक्रिय नजर नहींं आए। इंजीनियर अपने तर्क दे रहे हैं कि काम ज्यादा होने के कारण राजस्व अर्जन के तहत बकाया वसूली के लिए उनको ज्यादा समय नहीं मिलता है। हांलाकि पानी के बकाया बिलों को लेकर प्रत्येक वर्ष अभियान चलाया जाता है और रस्म अदायगी के हिसाब से वसूली की जाती है। उधर वाटर एक्ट का ड्राफ्ट अब भी जलदाय विभाग के ठंडे बस्ते से बाहर नहीं निकला है।
इस सर्कल में बकाया बिलों की इतनी राशि बकाया
उत्तर सर्कल
एन—1—140735508
एन—2—320977384
एन—3—175006090
एन—4—112369150
कुल बकाया—749088132 करोड़

दक्षिण सर्कल
एस—1—100178761
एस—2—221085285
एस—3—7713061
एस—4—118522592
कुल बकाया राशि—515916699

बकाया के पहाड़ को लेकर इंजीनियरों के ये तर्क आए सामने
पूरा फोकस पेयजल सप्लाई पर—बकाया वसूली के लिए समय ही नहीं
2010 से पहले रेवन्यू व सप्लाई अलग अलग थी। अब दोनों काम एक ही फील्ड इंजीनियर के भरोसे
मकान मालिक के मकान को छोड़ कर चले जाना
जल कनेक्शन चैंज हो जाना
वाटर एक्ट का ड्रा्रफट पांच वर्ष से ठंडे बस्ते में
बिजली विभाग में इलेक्ट्रिीसिटी एक्ट लागू है। बिजली चोरी या बकाया पर तत्काल कनेक्शन काटा जाता है। लेकिन जलदाय विभाग में वर्षों से वाटर एक्ट का ड्राफट जल भवन से लेकर सचिवालय तक अफसरों की टेबल पर पांच वर्ष से घूम रहा है। क्योंकि इंजीनियर नहीं चाहते कि इस एक्ट के मसौदे को अंतिम रूप मिले और बकाया बिलों की वसूली में राजनीतिक हस्तक्षेप खत्म हो।
वाटर एक्ट से ऐसे हो सकेगी पूरी वसूली
तय अविधि में बिल नहीं चुकाने पर कनेक्शन काटा जा सकेगा
कनेक्शन या बकाया बिल वसूली के लिए गई टीम को पुलिस सुरक्षा मिल सकेगी
इंजीनियरों को राजस्व वसूली के लक्ष्य निर्धारित किए जा सकेंगे
राजस्व वसूली के आधार पर ही इंजीनियरों को फील्ड और नॉन फील्ड पोस्टिंग दी जाएगी
वर्जन
पिछले वर्ष हमने 65 करोड़ की राशि वसूली की थी। इस बार अभियान शुरू हुआ हो गया है। लेकिन स्टाफ की कमी के कारण भी बकाया बिलों की वसूली बड़ी परेशानी बन कर सामने आई है। फील्ड इंजीनियरों का पूरा फोकस पेयजल सप्लाई पर ही रहता है। बकाया रहने के अन्य कारण भी हैं।
अजय सिंह राठौड़
अधीक्षण अभियंता—उत्तर
जयपुर शहर
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