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जयपुर

डेढ़ महीने में भी शुरू नहीं हुई हैवी मेटल्स टेस्टिंग

बीते डेढ़ माह से एएएस मशीन निर्माता कंपनी लैबकर्मियों को दे रही है प्रशिक्षण अब तक एक भी पानी सैंपल की नहीं हुर्इ जांच

जयपुरAug 14, 2018 / 11:37 am

anand yadav

water problem

The regular employee of the PHE contractor,

जयपुर। जलदाय विभाग की जयपुर स्थित स्टेट रेफरल सेंटर लेबोरट्री में पचास लाख रुपए लागत से खरीदी गई एटॉमिक आॅब्जर्वयर स्पेक्ट्रोमीटर मशीन पानी सैंपल में हैवी मैटल्स की जांच करने की बजाय लैबकर्मियों के प्रशिक्षण का जरिया मात्र बन गई है। एएएस मशीन खरीद हुए करीब दो महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है लेकिन अब तक लैब प्रशासन एक भी पानी सैंपल में हैवी मैटल्स की जांच करने में नाकाम रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में पानी में आर्सेनिक,लैड,क्रॉमियम, सीसा, कॉपर आदि तत्वों की जांच के लिए जलदाय विभाग ने करीब पचास लाख रुपए लागत से एटॉमिक अब्जॉर्वर स्पेक्ट्रोमीटर मशीन की खरीद की मंजूरी दी। बीते दो महीने पहले जयपुर स्थित विभाग की स्टेट रेफरल सेंटर लेबारेट्री ने मशीन की खरीद भी कर ली लेकिन अब तक एक भी पानी सैंपल की जांच मशीन से नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि मशीन अति संवेदनशील होने के कारण आॅपरेटिंग में जरा सी चूक होने पर मशीन में तकनीकी खराबी आने की आशंका के चलते फिलहाल लैब कर्मचारी मशीन का उपयोग करने से बच रहे हैं। हालांकि एएएस मशीन सप्लायर कंपनी लैब कर्मचारियों को मशीन संचालन का आवश्यक प्रशिक्षण भी दे चुकी है बावजूद इसके लैब प्रशासन पानी में हैवी मैटल्स की जांच का काम शुरू करने में आनाकानी कर रहा है।
गौरतलब है कि लैब प्रशासन की उदासीनता के चलते बीते मार्च में प्रदेश के 22 जिलों में जाकर पानी गुणवत्ता जांच के लिए तैनात होने वाली मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबोरेट्री वैन भी अब तक गैराज से बाहर नहीं आ सकी है। हालांकि इस मामले में विभाग के प्रमुख शासन सचिव लैब अफसरों को कड़ी फटकार लगा चुके हैं। बावजूद इसके लैब के आलाधिकारी टस से मस होने को तैयार नहीं है। अब भी मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबारेट्री वैन फील्ड में कब तक पहुंचेगी इसका जवाब भी लैब अफसरो के पास नहीं है।
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