हाइटेक तकनीक को मंजूरी लेकिन धूल फांक रहे उपकरण
शहरी क्षेत्र के उच्च जलाशयों में वाटर स्टोरेज की निगरानी के लिए लगाई मशीनरी उच्च जलाशय ओवरफ्लो होने पर पानी की बर्बादी रोकने की कवायद ठप पंप हाउसों में लगी मशीनरी का नहीं हो रहा है उपयोग
जयपुर। शहरी क्षेत्र में बने जलदाय विभाग के उच्च जलाशयों में पानी स्टोरेज की निगरानी के लिए विभाग ने लाखों रुपए खर्च कर हाइटेक तकनीक वाले उपकरण लगाने की मंजूरी दी है। लेकिन बीते छह महीने से हाइटेक उपकरण पंप हाउसों में धूलफांक रहे हैं तो ओवरफ्लो होने पर कई उच्च जलाशयों से पानी की बर्बादी बदस्तूर जारी है।
जानकारी के अनुसार जलदाय विभाग ने बीते साल उच्च जलाशयों में वाटर स्टोरेज सेंसर लगाने की कवायद शुरू की थी। उच्च जलाशय में सेंसर लगाए जाने के बाद ओवरफ्लो होने की स्थिति में पंप हाउस में लगे पैनलबोर्ड पर उच्च जलाशय के वाटर स्टोरेज की आॅन लाइन निगरानी संभव है। लेकिन हकीकत में उच्च जलाशयों में वाटर स्टोरेज सेंसर ही अब तक पूरी तरह से नहीं लगाए गए हैं। हालांकि पंप हाउस में पैनल बोर्ड मय बैट्री रखे हुए हैं लेकिन विभाग के अफसरों की अनदेखी के चलते महंगे उपकरण भी धूल फांक रहे हैं।
गौरतलब है कि अब शहर में नए बन रहे उच्च जलाशयों के निर्माण में ही वाटर स्टोरेज सेंसर लगाने की शर्त टेंडर डॉक्यूमेंट में जोड़ी गई है। लेकिन फिर भी टेंडर शर्तों की पालना भी नियमानुसार नहीं होने पर उच्च जलाशयों में जल संग्रहण की निगरानी अब भी पुरानी तकनीक से ही हो रही है। ऐसे में कई बार ओवरफ्लो होने की स्थिति में पानी की बर्बादी भी लगातार हो रही है।
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