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जयपुर

आउटसोर्सिंग फर्मों को फिर तोहफा देने की तैयारी

प्रदेशभर में 352 ब्लॉक स्तरीय लैब होनी है तैयारजयपुर चीफ केमिस्ट आउटसोर्सिंग से काम कराने की जिद पर अड़ेजबकि भवन व अन्य संसाधन पीएचईडी कराएगा उपलब्ध

जयपुरJun 25, 2020 / 12:37 pm

anand yadav

Block level Water testing lab in rajasthan

Block level Water testing lab in rajasthan

जयपुर। जलदाय विभाग की जल शुद्धिकरण जांच कर रही प्रयोगशालाओं में इन दिनो बड़ा गड़बड़झाला चल रहा है। जयपुर स्थित स्टेट रेफरल सेंटर लेबारेट्री के चीफ केमिस्ट की मनमानी प्रदेश के पेयजल उपभोक्ताओं पर भारी पड़ना तय है। जबकि जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव तक को भी प्रदेश में स्थापित होने वाली 352 ब्लॉक स्तरीय प्रयोगशालाओं को लेकर अंधेरे में रखा जा रहा है।
मामला जयपुर स्थित स्टेट रेफरल सेंटर लेबोरेट्री समेत प्रदेश की सभी जिला स्तरीय प्रयोगशालाओं से जुड़ा है। केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश में राज्य व जिला स्तरीय प्रयोगशालाओं के अलावा ब्लॉक स्तरीय प्रयोगशालाओं की स्थापना को लेकर बड़ी राशि भी दी जा रही है। ऐसे में जयपुर स्थित स्टेट रेफरल सेंटर लेबोरेट्री के चीफ केमिस्ट प्रदेश में स्थापित होने वाली 352 ब्लॉक स्तरीय प्रयोगशाओं में मनचाही फर्मों को मनमानी की छूट देने की गुपचुप तैयारी कर चुके हैं।
गौरतलब है कि पूर्व में प्रदेश में चल रही ब्लॉक स्तरीय प्रयोगशालाओं की कार्यशैली विवादों में आ चुकी है। विभाग ने ब्लॉक स्तरीय प्रयोगशालाओं का संचालन निजी फर्मों के माध्यम से कराया लेकिन काम में बरती गई लापरवाही के चलते प्रयोगशालाओं का फायदा आमजन को नहीं मिल सका। दूसरी तरफ बीते साल ब्लॉक स्तरीय प्रयोगशालाओं के कार्यों के भुगतान को लेकर भी विभाग में बड़ा बवाल खड़ा हुआ। कार्य के बदले भुगतान में गड़बड़ी और चहेतों को फायदा पहुंचाने की कार्रवाई की शिकायतें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो तक भी पहुंची हैं।
ऐसे में नई स्थापित होने वाली 352 ब्लॉक स्तरीय प्रयोगशालाओं का संचालन और प्रबंधन फिर से निजी फर्मों को देने का खाका जयपुर लैब के चीफ केमिस्ट राकेश माथुर ने गुपचुप तरीके से लगभग तैयार भी कर लिया है। मामले में जयपुर लैब के अन्य अधिकारियों तक को भनक नहीं लगने दी गई और अप्रुवल के बाद जारी होने वाले टेंडर में मनचाही फर्मों को फायदा पहुंचाने व टेंडर में छोटी मोटी फर्मोंं को बाहर का रास्ता दिखाने की गरज से चीफ केमिस्ट ने अनर्गल शर्तें भी जोड़ने की तैयारी कर ली है।
विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने बीते दिनों चीफ केमिस्ट राकेश माथर से प्रदेश में स्थापित होने वाली 352 ब्लॉक स्तरीय प्रयोगशालाओं को लेकर रिपोर्ट मांगी थी। जिसमें भी चीफ केमिस्ट ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से ही प्रयोगशालाओं के संचालन को लेकर जोर दिया था ।
बीते छह साल में ब्लॉक स्तरीय प्रयोगशालाओं में हुई अनियमितताओं के बावजूद फिर से आउटसोर्सिंग से नई प्रयोगशालाओं के संचालन को लेकर चल रही कवायद सवालों के घेरे में है। पूर्व में हुई अनियमितता की शिकायतों पर ही अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो नई प्रयोगशालाओं में कार्यों की जिम्मेदारी कैसे और कौन तय करेगा यह बड़ा सवाल है।
इनका कहना है— ब्लॉक स्तरीय लैब खोलने की तैयारियों को लेकर रिपोर्ट आलाधिकारियों को सौंप दी है। आउसोर्स से लैब के संचालन का निर्णय तो उन्हे ही करना है। पूर्व में संचालित प्रयोगशालाओं की अनियमितताओं की शिकायतों को लेकर सभी जिला स्तरीय लैब से रिपोर्ट तलब की थी लेकिन चार महीने बाद भी उन्होने रिपोर्ट नहीं दी है। राकेश माथुर, चीफ केमिस्ट, स्टेट रेफरल सेंटर लेबोरेट्री, जलदाय विभाग, जयपुर

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